झारखंड हाईकोर्ट ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की वेतन वसूली पर रोक लगाई

 झारखंड हाईकोर्ट ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की वेतन वसूली पर रोक लगाई

रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के तहत दी गई अतिरिक्त वेतन राशि की वसूली पर रोक लगा दी है। अदालत ने प्रार्थियों को निर्देश दिया है कि वे विश्वविद्यालय द्वारा जारी अत्यधिक वेतन भुगतान से संबंधित पत्र के आधार पर अपना पुनर्विचार आवेदन प्रस्तुत करें।

अदालत ने यह आदेश मामले की सुनवाई के दौरान दिया और साथ ही विश्वविद्यालय को निर्देशित किया कि वह प्रार्थियों के प्रतिनिधित्व पर पुनर्विचार करे। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि जब तक इस मामले पर अंतिम निर्णय नहीं हो जाता, तब तक विश्वविद्यालय को वेतन वसूली के आदेश पर रोक लगाना होगा।

मामला 25 जनवरी 2023 को जारी एक अधिसूचना से संबंधित है, जिसमें डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय ने 1 जनवरी 2016 से तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ देने का निर्णय लिया था। इसके बाद, विश्वविद्यालय ने अतिरिक्त वेतन राशि का भुगतान कर दिया, लेकिन 25 जून 2024 को कर्मचारियों के वेतन से करीब 16 लाख रुपये की वसूली का आदेश जारी किया गया। इसके अलावा, जुलाई के वेतन से भी लगभग 22 हजार रुपये की वसूली की गई थी।

इस निर्णय के खिलाफ विश्वविद्यालय के 37 कर्मचारियों ने मनोज कुमार की अगुवाई में झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में विश्वविद्यालय के वेतन वसूली के आदेश को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए वसूली पर रोक लगा दी और विश्वविद्यालय को मामले पर पुनर्विचार के निर्देश दिए हैं।

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