रांची: मंकीपॉक्स, जिसे एमपॉक्स भी कहा जाता है, एक गंभीर वायरल बीमारी है जो हाल ही में वैश्विक स्वास्थ्य चेतावनी के रूप में सामने आई है। यह वायरस ऑर्थोपॉक्स वायरस परिवार से संबंधित है, जिसके सदस्य चेचक और चिकन पॉक्स भी हैं। मंकीपॉक्स जानवरों से फैलने वाली (जूनोटिक) बीमारी है, और इसका संक्रमण खासतौर पर बंदरों से होता है। हाल के दिनों में, इस बीमारी के मामलों में वृद्धि और इसके वैश्विक प्रभाव को लेकर चिंताओं ने इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा ‘पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी’ घोषित कर दिया है।
मंकीपॉक्स का खतरा:
मंकीपॉक्स की महामारी तब सामने आई जब विश्वभर में चेचक को खत्म कर दिया गया और इसके टीके का प्रशासन बंद कर दिया गया। चेचक के टीके ने पूर्व में मंकीपॉक्स के खिलाफ भी प्रतिरोधकता प्रदान की थी, लेकिन टीकाकरण बंद होने से लोग इस वायरस के प्रति अधिक संवेदनशील हो गए हैं।
लक्षण और पहचान:
मंकीपॉक्स के संक्रमण के बाद बुखार के साथ शरीर पर बड़े दाने निकलते हैं। इसके अलावा, लिम्फ नोड्स (गांठें) सूज जाती हैं, मांसपेशियों में दर्द रहता है, और शरीर में कमजोरी महसूस होती है। इस बीमारी की पहचान दानों के फ्लूड के टेस्ट से की जाती है, हालांकि अंतिम पुष्टि दानों के स्कैब (पपड़ी) बनने पर ही होती है।
सतर्कता और बचाव:
मंकीपॉक्स की वैश्विक चेतावनी के मद्देनज़र, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां यह बीमारी फैल रही है, सतर्कता रखना अत्यंत आवश्यक है। यदि किसी गांव, मोहल्ले, या सोसायटी में बुखार के साथ शरीर पर दाने निकल रहे हैं, तो तुरंत स्वास्थ्य केंद्र को सूचना दें। इसके साथ ही, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से बचें और उनके दानों के पानी से बचाव रखें, क्योंकि यह वायरस दूसरों को भी संक्रमित कर सकता है।
इलाज और टीकाकरण:
अभी तक, मंकीपॉक्स के उपचार के लिए उपलब्ध एंटी-वायरल दवाओं का प्रभाव सीमित है। कुछ देशों में मंकीपॉक्स का टीका उपलब्ध है, लेकिन यह सीमित मात्रा में है। फिलहाल, प्रभावी रोकथाम ही इस बीमारी से बचने का सबसे अच्छा उपाय है। एक बार मंकीपॉक्स होने पर, यह रोग जीवनभर की प्रतिरोधकता प्रदान करता है और दोबारा नहीं होता।
मामलों की संख्या और स्थिति:
अफ्रीका में जनवरी 2023 से अब तक 27,000 से अधिक मंकीपॉक्स के मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 1,100 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। विशेष रूप से कांगो में 15,600 मामले और 537 मौतें दर्ज की गई हैं, और यह बीमारी पड़ोसी देशों में भी फैल रही है।
निष्कर्ष:
मंकीपॉक्स के खिलाफ जागरूकता और सतर्कता सबसे महत्वपूर्ण हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों को चाहिए कि वे प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी करें और स्थानीय समुदायों को इस जानलेवा बीमारी से बचाव के उपायों की जानकारी दें।
आवश्यक है कि सभी लोग सावधान रहें और संक्रमण के मामलों की रिपोर्ट तुरंत स्वास्थ्य केंद्रों को दें, ताकि इस बीमारी की रोकथाम के लिए उचित कदम उठाए जा सकें।