राज्यपाल सचिवालय में कार्यरत आरोपी पदाधिकारी को राहत नहीं

रांची: बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के विस्तार के लिए ज़मीन के बदले फर्जी तरीके से 20 लाख से अधिक मुआवज़ा प्राप्त करने के मामले में, पदाधिकारी दीपक कुमार वर्मा और योजना सह वित्त विभाग के पूर्व सचिव को राहत नहीं मिली है.
वर्मा अब सूचना जनसंपर्क विभाग में निजी सहायक के पद पर काम कर रहे हैं. सरकार ने उनकी अपील को खारिज कर दिया है और उन्हें दंड भुगतान करने का आदेश दिया है.
यह मामला बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के विस्तार परियोजना के अंतर्गत हुआ है, जहां वर्मा ने ग्राम में अवैध तरीके से घोटाला करके बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से 20 लाख 36 हजार रुपये जमा कर लिए थे. बाद में पता चला कि यह धोखाधड़ी थी और इस राशि का उन्हें हकदार नहीं था.
सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया है और उनसे बिना वेतन के नौकरी से निकाल दिया है. सूद की राशि को भी वर्मा ने जमा नहीं किया है. इस मामले में उपायुक्त ने वर्मा से ब्याज के साथ 37 लाख रुपये की वसूली की है.
वर्मा ने अपील करते हुए कहा है कि उन्होंने राशि वापस कर दी है, इसलिए अभी तक उन पर दंड का निर्णय नहीं होना चाहिए. सरकार ने इस मामले की जांच करके पाया कि वर्मा द्वारा कोई ठोस बचाव बयान नहीं है और उन्होंने दंड भुगतान करने का निर्णय लिया है.
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