एसके राजीव
पटना : लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन की अगुवाई भले ही कांग्रेस कर रही हो, लेकिन बिहार में कमान राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के हाथों में है। लोकसभा चुनाव में लालू यादव के ऊपर दोहरी जिम्मेदारी है। 2024 की चुनावी रणभूमि में लालू यादव की दो बेटियां चुनाव मैदान में है। सारण लोकसभा सीट से रोहिणी आचार्य सियासी पारी गरम कर रही हैं तो पाटिलपुत्र सीट से मीसा भारती एक बार फिर से किस्मत आजमा रही है। सारण लालू यादव की कर्मभूमि रही है तो पाटिलपुत्र सीट उनके लिए साख का सवाल बनी हुई है। ऐसे में मीसा और रोहिणी क्या अपने पिता की सियासी साख और प्रतिष्ठा को बचा पाएंगी।
बिहार में अभी तीन चरण के चुनाव बचे हुए है और सियासी पारा पूरा गरम है। आरोप प्रत्यारोपो का दौर भी जारी है। इन सबके बीच तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाछ करते हुए कहा था गलत नीतियों के कारण देश के 25 करोड़ नौजवान आज बेरोजगार हो गए है। ऐसे में भाजपा चुप कैसे बैठ सकती है। भाजपा ने कहा की वक्त बदलते देर नहीं लगती। चार जून का इंतजार कीजिए लालू पूरा परिवार बेरोजगार हो जाएगा।
बिहार में लोकसभा के चार चरण के हुए मतदान को लेकर दोनों पार्टिया एनडीए और महागठबंधन अपनी अपनी जीत का दावा कर रही है। उधर, लालू यादव अपनी साख को बचने के लिए रात दिन एक किए हुए हैं। तेजस्वी भाजपा पर लगातार हमलावर है और बेरोगारी को मुद्दा बनाकर लोगो को गोलबंद करने में जुटे हुए हैं।
महागठबंधन का दावा है कि इस बार लोकसभा के 40 सीटों पर जीत दर्ज करेगी। जबकि एनडीए का कहना है कि बिहार के 40 की 40 सीटे उनकी खाते में आएगी। एनडीए और महागठबंधन में खींच तान जारी है लेकिन बिहार की जनता तेजस्वी पर विश्वास करती है या फिर मोदी पर ये तो परिणाम ही तय कर देगा।
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