भाकपा-माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य के नेतृत्व में बाढ़ इलाके का दौरा। बिहार बाढ़ से त्रस्त, नीतीश कुमार 2025 के चुनाव में मस्त। दसियों हजार परिवार बाढ़ प्रभावित, राहत-बचाव काफी कमजोर। भूभौल में अब तक नहीं पहुंचे कोई मंत्री, मुख्यमंत्री कटाव स्थल से 15 किलोमीटर पहले ही लौट आए। सरकार की आपराधिक लापरवाही के कारण कोसी का टूटा तटबंध: दीपंकर भट्टाचार्य
पटना: बिहार में बाढ़ की स्थिति देखते हुए माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य के नेतृत्व में धीरेंद्र झा, संदीप सौरव, शशि यादव, संतोष सहर, कुमार परवेज़, वैद्यनाथ यादव, नियाज़ अहमद, ध्रुव नारायण कर्ण, अभिषेक कुमार और दरभंगा, मधुबनी के कई नेताओं ने दरभंगा जिले के कीरतपुर प्रखंड के भूभौल और मुजफ्फरपुर के कटरा के गंगेया का दौरा किया। इस दौरान माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भूभौल कटाव स्थल पर जाना उचित नहीं समझे। वे 15 किलोमीटर पहले ही लौट गए।
बहुप्रचारित डबल इंजन की मोदी-नीतीश सरकार के लिए बचाव और राहत निश्चित रूप से कोई प्राथमिकता नहीं है। बाढ़ से बेघर हुए लोगों के पुनर्वास की चिंता की तो बात ही दूर है, जिनमें से अधिकांश के पास वापस जाने के लिए अपना कोई ठिकाना नहीं है। डबल इंजन वाली सरकार को कोसी द्वारा एक बार फिर से अपना रास्ता बदलने के खतरे और उससे होने वाली तबाही के बारे में कुछ भी पता नहीं है।
उन्होंने कहा कि कोसी इस समय बिहार में बाढ़ लाने वाली एकमात्र नदी नहीं है। गंडक, बागमती, गंगा, इन सभी प्रमुख नदियों ने बिहार के बड़े हिस्से में बाढ़ ला दी है, लोगों को बेदखल कर दिया है, फसलों को नुकसान पहुंचाया है, जिले-दर-जिले आजीविका को नष्ट कर दिया है। लेकिन बिहार सरकार का राहत-बचाव काफी कमजोर है। मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी 243 की विधानसभा में 225 से अधिक बहुमत के साथ 2025 का चुनाव जीतने की योजना बनाने में व्यस्त है जबकि दूसरी ओर पूरा उत्तर-पूर्व बिहार बाढ़ की मार झेल रहा है।
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पटना से विवेक रंजन की रिपोर्ट
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