Sunday, July 20, 2025

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मंईयां सम्मान योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा: 60 हजार लाभुकों के नाम सूची से हटाए गए, 15 हजार होल्ड पर

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रांची: झारखंड सरकार की मंईयां सम्मान योजना में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। जैसे-जैसे योजना के लाभुकों का सत्यापन कार्य आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे गलत लाभ लेने वालों की सूची लंबी होती जा रही है। जांच में पाया गया कि कई सरकारी कर्मचारियों की पत्नियों और बेटियों के खातों में योजना की राशि भेजी गई है। इसके अलावा, राज्य के कई पारा टीचर, आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं ने भी योजना का लाभ लिया, जबकि वे इसके लिए पात्र नहीं थे।

रांची, बोकारो, गढ़वा, पलामू, गिरिडीह समेत राज्य के कई जिलों में डुप्लीकेसी के सर्वाधिक मामले सामने आए हैं। इनमें ऐसे लोग शामिल हैं, जो पहले से सरकार की किसी अन्य पेंशन योजना से लाभान्वित हो रहे हैं या फिर एक ही बैंक खाते में कई लाभुकों के पैसे भेजे जा रहे हैं।

सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा 6 दिसंबर को योजना की पहली किस्त के रूप में 2,500 रुपये लाभुकों के खातों में भेजे गए थे। लेकिन जब बड़ी संख्या में अपात्र लाभुकों के नाम सामने आए, तो विभाग ने जनवरी महीने की किस्त को रोक दिया। अब सरकार की मंशा है कि पहले सभी लाभुकों की पुनः जांच और सत्यापन हो, उसके बाद ही सही लाभुकों के खातों में पैसा भेजा जाए।

अब तक किए गए सत्यापन में 60 हजार अपात्र लाभुकों के नाम सूची से हटा दिए गए हैं, जबकि 15 हजार नामों को होल्ड पर रखा गया है। जिन नामों को होल्ड पर रखा गया है, उनकी जमीनी स्तर पर पुनः जांच की जाएगी। यदि वे भी अपात्र पाए जाते हैं, तो उन्हें भी सूची से हटा दिया जाएगा।

जिन सरकारी कर्मचारियों ने इस योजना का लाभ लिया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। सत्यापन के बाद दोषियों से सूद समेत पूरी राशि वसूल की जाएगी और संबंधित सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा।

रांची जिले में अब तक 12 हजार से अधिक डुप्लीकेसी के मामले पकड़े गए हैं। इनमें शामिल लोग या तो किसी अन्य सरकारी योजना का लाभ ले रहे हैं या फिर उनके परिवार में कोई सरकारी मानदेय प्राप्त कर रहा है, जिससे वे इस योजना के लिए पात्र नहीं थे।

सामाजिक सुरक्षा विभाग ने 20 फरवरी तक सत्यापन कार्य पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। सभी प्रखंडों को यह कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर करने का निर्देश दिया गया है। सत्यापन कार्य के कारण ऑफलाइन आवेदनों की प्रक्रिया धीमी हो गई है, लेकिन अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि नए आवेदनों की सूक्ष्मता से जांच की जाए, ताकि बाद में दोबारा सत्यापन की जरूरत न पड़े।

रांची के रातू प्रखंड में एक कंप्यूटर ऑपरेटर पकड़ा गया है, जिसने नियमों का उल्लंघन कर अपात्र व्यक्तियों के नाम जोड़े थे। इस गड़बड़ी का खुलासा जांच के दौरान हुआ, जब पता चला कि पहली किस्त के पैसे गलत तरीके से एक खाते में भेजे गए थे। प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उस ऑपरेटर से पूरी राशि वसूल कर ली।

रांची जिले के विभिन्न प्रखंडों के बीडीओ (प्रखंड विकास पदाधिकारी) को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे सत्यापन कार्य में पूरी सख्ती बरतें और किसी भी तरह की लापरवाही न करें। अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि नए आवेदनों की गहन जांच की जाए, ताकि भविष्य में दोबारा इस तरह की गड़बड़ी न हो।

मंईयां सम्मान योजना को लेकर सामने आए इस बड़े फर्जीवाड़े ने सरकार को सतर्क कर दिया है। अब प्रशासन इस योजना को पारदर्शी बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। जिन लोगों ने गलत तरीके से इस योजना का लाभ लिया, उनसे न केवल राशि की वसूली होगी, बल्कि सरकारी कर्मचारियों पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। सत्यापन कार्य पूरा होते ही सही लाभुकों को दोबारा योजना का लाभ देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।