रांचीःकृषि एवं किसान कल्याण विभाग में क्लर्क की नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवाओं से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के एक और सदस्य को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस बार रांची सदर थाना क्षेत्र के बड़ागाई निवासी एकरामुल हक को मथुरा से पकड़ा गया है।
एकरामुल हक के खिलाफ पहले से ही कई ठगी के मामले दर्ज हैं। पुलिस की मानें तो वह लंबे समय से फरार था और छिपकर गिरोह के लिए काम कर रहा था। उसे गुरुवार को मथुरा के टाउनशिप पुल के नीचे से रिफाइनरी थाना की पुलिस ने गिरफ्तार किया।
इस मामले की शुरुआत झारखंड के रिफाइनरी थाना क्षेत्र के झड़गांव निवासी गजराज सिंह द्वारा तीन जनवरी 2025 को दर्ज कराए गए एक मुकदमे से हुई थी। गजराज सिंह ने अपनी शिकायत में बताया कि एक गिरोह ने उन्हें कृषि विभाग में क्लर्क की नौकरी दिलाने का झांसा दिया और उनसे 10 लाख रुपये उनके खाते में ट्रांसफर कराए गए।
गिरोह के सदस्य बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के दर्जनों बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी का सपना दिखाकर रांची बुलाते थे। यहां कांके रोड स्थित कृषि भवन और हजारीबाग के कृषि विज्ञान केंद्रों में फर्जी इंटरव्यू और प्रशिक्षण कराया गया। ट्रेनिंग के दौरान प्रत्येक युवक से 15 लाख रुपये के ब्लैंक चेक भी गारंटी के नाम पर लिए गए।
इसके बाद एक फर्जी परीक्षा कराई गई, लेकिन किसी को भी नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया। जब युवाओं ने पोस्टिंग के लिए संपर्क किया तो उन्हें टालमटोल किया गया और फिर सभी आरोपी फरार हो गए। गिरोह ने अब तक 12 से अधिक युवाओं से करोड़ों रुपये की ठगी की है।
इस मामले में पुलिस ने मार्च 2025 में मुख्य साजिशकर्ता राजन रंजन मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। अब एकरामुल हक की गिरफ्तारी से गिरोह के और राज सामने आने की संभावना है।
रांची सदर थाना की पुलिस ने बताया कि एकरामुल हक के घर का पता लगाने की कोशिश की गई, लेकिन वह लंबे समय से फरार था और अपने पते से गायब था। फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है और गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश जारी है।