रांची: प्रयागराज में मंगलवार देर रात हुई भगदड़ के बाद रांची से कुंभ स्नान के लिए गए श्रद्धालुओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिन यात्रियों ने केवल एकतरफा टिकट लिया था या बस से प्रयागराज गए थे, वे अब वापसी में संघर्ष कर रहे हैं। ट्रेनों में सीटें उपलब्ध नहीं हैं, जिससे यात्रियों को विभिन्न मार्गों से होकर घर लौटना पड़ रहा है।
मंगलवार की घटना के बाद भी रांची के श्रद्धालु किसी तरह बुधवार को संगम स्नान कर सके, लेकिन रांची लौटने के लिए उन्हें कई टुकड़ों में यात्रा करनी पड़ रही है। कुछ यात्री प्रयागराज से वाराणसी, तो कुछ धनबाद होते हुए रांची पहुंच रहे हैं।
प्रयागराज में प्रशासन ने शहर को नो-ट्रैफिक जोन घोषित कर दिया है, जिससे श्रद्धालुओं को संगम तक पैदल ही जाना पड़ रहा है। वापसी के लिए परिवहन सेवाओं की कमी और किराए में बढ़ोतरी से यात्रियों की परेशानी और बढ़ गई है। वाराणसी तक टैक्सी चालक 16 हजार रुपए तक मांग रहे हैं, जबकि होटल का किराया भी चार गुना बढ़कर 4,000 रुपये तक पहुंच गया है।
भगदड़ की घटना के कारण कुंभ जाने वाले 20% यात्रियों ने गुरुवार को अपनी ट्रेन टिकटें कैंसिल करवा दीं। झारखंड टूर एंड ट्रैवल एसोसिएशन के अनुसार, रांची से प्रतिदिन 8,000 लोग कुंभ यात्रा के लिए जा रहे थे। रांची होकर प्रयागराज जाने वाली लगभग 38 ट्रेनें हैं, लेकिन वर्तमान में सीटों की भारी कमी बनी हुई है।
इसी तरह, बस सेवा भी प्रभावित हुई है। झारखंड बस चालक संघ के अनुसार, पहले जहां रोजाना 24 बसें प्रयागराज जाती थीं, अब यह संख्या घटकर केवल 3-4 बसें रह गई हैं। मंगलवार को गई अधिकतर बसें अब तक वापस नहीं लौटी हैं, जिससे बस सेवाएं बाधित हो गई हैं।
भीड़ की वजह से वाराणसी से रांची की फ्लाइट का किराया भी बढ़कर 32 हजार रुपये तक पहुंच गया है। ट्रेन में टिकट न मिलने के कारण कई यात्री हवाई यात्रा कर रहे हैं, जिससे 26 फरवरी तक 90% टिकटें बुक हो चुकी हैं और किराया लगातार बढ़ रहा है।
रांची से प्रयागराज जाने वाले निजी चारपहिया वाहनों की संख्या भी 90% तक गिर गई है। पहले जहां प्रतिदिन 400 से अधिक वाहन प्रयागराज जा रहे थे, अब यह संख्या 30-40 के आसपास रह गई है। मंगलवार के बाद चंदौली से ही लंबा जाम लगने के कारण वाहन चालकों को 10 घंटे की यात्रा पूरी करने में अब 22-24 घंटे लग रहे हैं।
कुंभ मेले में भगदड़ की घटना के बाद रांची से प्रयागराज जाने और आने वाले श्रद्धालुओं को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। परिवहन व्यवस्था बिगड़ गई है, किराए बढ़ गए हैं और बसों व ट्रेनों की उपलब्धता कम हो गई है। ऐसे में कुंभ यात्रा करने की योजना बना रहे श्रद्धालु अब अपने कार्यक्रम पर पुनर्विचार कर रहे हैं।