रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बाबूल मरांडी ने हाल ही में मीडिया से बातचीत करते हुए हेमंत सोरेन सरकार की योजनाओं पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने गोगो दीदी योजना के तहत दी जाने वाली राशि को बढ़ाने का निर्णय केवल चुनावी लाभ के लिए किया है। मरांडी ने यह भी कहा कि अगर सरकार को वास्तव में जनता की चिंता होती, तो वह पहले ही तीन महीनों से जारी राशि को बढ़ा देती।
बाबूल मरांडी ने यह आरोप लगाया कि सरकार ने 2020 के बजट सत्र में बेरोजगार युवकों के लिए 5000 रुपये और एमए पास छात्रों के लिए 7000 रुपये देने का प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन अब तक किसी भी युवा को यह राशि नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में पारित प्रस्ताव का कोई पालन नहीं किया गया, जिससे जनता का विश्वास सरकार पर से उठ गया है।
उन्होंने कहा, “जब काम नहीं मिलता है, तो लोग दूर चले जाते हैं। अगर यहां रोजगार के अवसर सृजित होते, तो कोई दिक्कत नहीं होती। हर कोई चाहता है कि वह अपने आस-पास काम करे।” बाबूल मरांडी ने यह भी स्पष्ट किया कि झामुमो ने जो वादे किए थे, उनमें से कोई भी पूरा नहीं हुआ है, खासकर फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर। इस तरह, बाबूल मरांडी ने हेमंत सरकार की योजनाओं और वादों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए जनता से जागरूक रहने की अपील की।