Hazaribagh: शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ब्लड बैंक में इन दिनों खून की कमी हो गई है। हालात ऐसे हैं कि मरीजों को एक यूनिट ब्लड के लिए भी कई-कई घंटे तक भटकना पड़ रहा है। थैलेसीमिया से पीड़ित मरीजों तक को खून नहीं मिल पा रहा है, जिससे परिजनों में चिंता है।
‘खून के बदले खून’ नियम हटने से बिगड़ा संतुलनः
राज्य सरकार ने हाल ही में ब्लड बैंक में “खून के बदले खून” देने का नियम समाप्त कर दिया है। नए नियम के अनुसार, अब किसी भी जरूरतमंद को खून लेने के लिए दाता लाने की बाध्यता नहीं है। ब्लड बैंक को खून उपलब्ध होने पर किसी मरीज को मना नहीं किया जा सकता। लेकिन इस व्यवस्था के बाद ब्लड बैंक में खून की भारी कमी देखने को मिल रही है, क्योंकि अब रक्तदान की दर में गिरावट आई है।
ब्लड बैंक में केवल 20 यूनिट खून बचाः
अस्पताल के ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. नीरज कुमार ने बताया कि सुबह 10 बजे तक हमारे पास केवल 20 यूनिट ब्लड बचा था। दो दिन पहले तक करीब 100 यूनिट ब्लड मौजूद था, लेकिन अब स्थिति बहुत गंभीर हो गई है। यदि ऐसा ही रहा, तो कुछ घंटों में एक यूनिट भी ब्लड नहीं बचेगा।
मरीजों के परिजन परेशानः
मरीजों के परिजनों ने बताया कि वे दो दिनों से ब्लड बैंक का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन रक्त नहीं मिल पा रहा है।
थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के परिजन भी ब्लड बैंक में बैठे हैं और उम्मीद लगाए हुए हैं कि किसी तरह रक्त मिल जाए।मरीज के परिजन ने कहा कि सरकार ने नियम तो अच्छा बनाया है, लेकिन अब खून देने वाले लोग सामने नहीं आ रहे हैं। जिसके कारण मरीजों को जान का जोखिम झेलना पड़ रहा है।
निजी नर्सिंग होम में भी स्थिति गंभीरः
जिले के निजी नर्सिंग होम के ब्लड बैंकों में भी खून की भारी कमी बताई जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक लोग स्वेच्छा से रक्तदान नहीं करेंगे, तब तक इस संकट से निपटना मुश्किल होगा।
रिपोर्टः शशांक शेखर
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