MUNGER: मुंगेर में पूर्वी बिहार में आतंक का पर्याय बन चुका झारखंड स्पेशल एरिया कमिटी के हार्डकोर नक्सली सूरज मुर्मू ने आत्मसमर्पण कर दिया है. प्रमंडलीय आयुक्त और डीआईजी के समक्ष सूरज मुर्मू ने आत्मसमर्पण किया है.
समर्पण कार्यक्रम में प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार , डीआईजी संजय कुमार जिलाधिकारी नवीन कुमार सिंह, एसपी जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी, नक्सल एसएपी अभियान कुणाल कुमार मौजूद थे. आत्मसमर्पण के दौरान हार्डकोर नक्सली ने अधिकारियों को एसएलआर और 28 जिंदा कारतूस सौंपा.

हत्या, फिरौती सहित कई कांडों में सूरज मुर्मू था वांछित
सूरज मुर्मू मुंगेर, जमुई, लखीसराय जिले में हत्या और फिरौती के लिए अपहरण पुलिस टीम पर फायरिंग सहित नौ मामलों में वांछित था. इस मौकेे पर प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार ने कहा कि हार्डकोर नक्सली संजय मुर्मू ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ गया है. उन्होंने कहा कि मुख्य धारा से जुड़े नक्सली को शिक्षित किया जायेगा , साथ ही सरकारी तौर पर जो सुबिधा होगी उन्हें और उनके परिवार को दी जाऐगी. उन्होंने कहा कि मुंगेर जिला प्रशासन और पुलिस प्रसाशन के बेहतर प्रयास से अच्छे कार्य किये गए. उन्होने दूसरे नक्सलियों से आतंक का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में जुड़ने की अपील की.
सूरज मुर्मू का आत्मसमर्पण बड़ी उपलब्धिः डीआईजी

डीआइजी संजय कुमार ने कहा कि मुंगेर जमुई और लखीसराय जिले को नक्सल मुक्त जिला बनाने की दिशा में सूरज मुर्मू का आत्मसमर्पण बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने कहा कि नक्सली गतिविधि पर रोक लगाने में केंद्रीय पुलिस बल का सहयोग रहा है. उन्होंने कहा एक साल में तीन उग्रवादी नक्सली ने आत्मसपर्मण जमुई जिला में किया है. उन्होंने कहा जो नक्सली आत्मसपर्मण कर रहे हैं उनके लिए सरकार द्वारा पुनर्वास नीति है जिसके लिए कागजी कार्यवाही शुरू कर दी गई है.
सूरज मुर्मू: ’22 साल के उम्र में 2018 में नक्सली गतिविधियों से जुड़ा था’
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली सूरज मुर्मू ने बताया कि
वह 22 साल के उम्र में 2018 में नक्सली गतिविधियों से जुड़ा था.
कहा जब नक्सलियो से जुड़ा तो उससे पहले खेती और बकरी चराता था.
धीरे धीरे नक्सलियों से दोस्ती हो गई और उसके दस्ते में शामिल हो गया.
नक्सलियो ने हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जिसके बाद
उन्होंने एसएलआर हथियार दिया और मुंगेर जमुई और
लखीसराय जिले के पहाड़ी जगंलो में दस्ता के साथ रहने लगा,
सूरज ने बताया की जब नक्ससली से जुड़े तो परिवारों को
जानकरी नहीं दी. वही चार सालो में घर की हालत खराब हो जाने के बाद आत्मसमर्पण करने का फैसला लिया.
रिपोर्ट: अमृतेश सिन्हा