राजद सुप्रीमो पर नौकरी के बदले जमीन लिखवाने का आरोप
पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की फिर से मुश्किलें बढ़ने वाली है. दरअसल, नौकरी के बदले जमीन लिखवाने के मामले में लालू यादव के खिलाफ सीबीआई को जांच की मंजूरी मिल गई है. यह घोटाला उस वक्त हुआ था, जब लालू यादव रेल मंत्री थे.
लालू: पिछले साल दर्ज हुआ था मामला
सीबीआई सूत्र के मुताबिक, लैंड फॉर जॉब घोटाले में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ प्रॉसिक्यूशन सैंक्शन मिली है. पिछले साल सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के खिलाफ लैंड फॉर जॉब घोटाले में एफआईआर दर्ज की थी. आरोप था कि रेल मंत्री रहते हुए लालू और उनके परिवार ने रेलवे में नौकरी देने के नाम पर रिश्वत के तौर पर लोगों से जमीन ली थी.
नौकरी के बदले जमीन लिखवाने का आरोप
आरोप है कि यूपीए-1 सरकार में लालू यादव जब रेल मंत्री तभी भ्रष्टाचार हुआ. इस मामले में सीबीआई ने 2018 में जांच शुरू की थी. मई 2021 में जांच बंद कर दी गई थी. यही मामला अब फिर से खुल गया है. आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए लालू यादव ने पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी में चुपके से नौकरी दी और उनसे अपने परिवार के लोगों के नाम पटना में जमीनें लिखवा लीं. सीबीआई का दावा है कि लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम प्लॉट्स की रजिस्ट्री कराई गई और जमीन की मामूली कीमत नकद में चुकाई गई.

चारा घोटाले में हो चुकी है सजा
लालू का नाम चारा घोटाले में बतौर मुख्य आरोपी रहा है. इस मामले में उन्हें सजा भी हो चुकी है और वह लंबे समय तक जेल में भी रह चुके हैं. वह अभी भी जमानत पर बाहर हैं. सीबीआई ने इस घोटाले को लेकर कुल 66 मामले दर्ज कराए थे. इनमें से 6 में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को भी अभियुक्त बनाया गया था. लालू प्रसाद यादव पशुपालन घोटाले के मामलों में अब तक तकरीबन सात बार जेल जा चुके हैं.
लालू यादव का दिसंबर में हुआ था किडनी ट्रांसप्लांट
05 दिसंबर 2022 को लालू यादव की किडनी का सिंगापुर में सफल ट्रांसप्लांट हुआ था. उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने उन्हें अपनी किडनी दी है. किडनी ट्रांसप्लांट के बाद उनकी सेहत में सुधार बताया जा रहा है. वह अभी भी डॉक्टरों की निगरानी में हैं.