पटना : रामायण को लेकर अब राजद में ही ‘महाभारत’ शुरू हो गया है. रामचरितमानस पर राजद कोटे के शिक्षा मंत्री के बयान पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी आपस में ही भिड़ गये. दरअसल राजद प्रदेश कार्यालय में शरद यादव के निधन पर शोक सभा का आयोजन किया गया.
इस दौरान राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी, शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर सहित कई नेता मौजूद रहे. सभी ने शरद यादव की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी. उसके बाद पार्टी कार्यालय में ही जगदानंद सिंह और शिवानंद तिवारी के बीच प्रो. चंद्रशेखर के बयान पर बहस शुरू हो गई. इस बीच शिक्षा मंत्री ने कहा ‘मैं अपने बयान पर अटल हूं’.

‘कचड़े को साफ करना जरूरी’
जगदानंद सिंह ने कहा कि रामायण में बहुत अच्छी बता है, लेकिन उसमें कचड़ा भी है. उस कचड़े को साफ करना पड़ेगा, जिसका जिक्र चंद्रशेखर ने किया है. देश में इस बयान की निंदा नहीं हो रही है, लेकिन गंदे लोग इसकी निंदा कर रहे हैं. वहीं बगल में बैठे शिवानंद तिवारी ने जगदानंद सिंह के बयान पर कहा उसमें कुछ शब्द हीरा मोती भी है, तो कुछ गंदगी भी है. जिस तरह से मोती निकालने के बाद सिर्फ कचरा रह जाता है, वैसे ही रामायण, गीता में हीरे जैसे शब्द रहने चाहिए और कचरा जैसे शब्द को फेंक देना चाहिए.
शिवानंद तिवारी ने संत परमहंस को बताया नकली साधु
जीभ काटने पर इनाम घोषित करने वाले संत परमहंस को शिवानंद तिवारी ने नकली साधु बताया. उन्होंने कहा प्रो. चंद्रशेखर को अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन जीभ काटने पर इनाम घोषित करने वाले नकली साधु पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. यहां राम कण-कण में व्याप्त है. ये कहना कि नफरत फैलाने वाला ये ग्रंथ है तो ये कहीं से भी उचित नहीं है.
रामायण: प्रो. चंद्रशेखर के बयान से राजद ने किया किनारा
शिवानंद तिवारी ने कहा कि अगर कोई ये कहे कि सिर्फ रामायण घृणा फैलाता है तो मैं व्यक्तिगत रूप से इस बयान के साथ नहीं हूं. प्रो. चंद्रशेखर के बयान पर उन्होंने कहा पार्टी के अंदर ये विचार हुआ कि राजद इसका समर्थन नहीं करेगी. हम भी इस पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. इस पर एक बैठक होनी चाहिए और उस मीटिंग में तेजस्वी यादव भी रहें. इस बैठक में और तय होना चाहिए कि सभी का क्या राय है.
रिपोर्ट: राजीव कमल