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Tuesday, May 30, 2023

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लालू प्रसाद के निर्देश पर सुधाकर को भेजा नोटिस- सिद्दीकी

बीजेपी ने दी शिवानंद, भाई बिरेंद्र और चंद्रशेखर पर कार्रवाई की चुनौती

पटना : पूर्व कृषि मंत्री और राजद विधायक सुधाकर सिंह को राजद का नोटिस मिलने के बाद एक बार फिर बिहार में सियासी पारा चढ़ गया है. सुधाकर सिंह को नोटिस भेजे जाने के बाद राजद के राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने उनके बयान को गठबंधन धर्म के विरूद्ध बताया. उन्होंने कहा कि ये नोटिस राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के निर्देश पर जारी किया है. गठबंधन को लेकर कोई भी बयान उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ही देंगे. जदयू ने सुधाकर सिंह को मिले नोटिस पर कहा कि गैर भाजपा राज्य में इस तरह की कार्रवाई से पूरे देश में नजीर पेश किया है. बीजेपी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा, वहीं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से कई सवाल पूछे.

महागठबंधन धर्म की मर्यादा को पहुंचा नुकसान- अब्दुल बारी सिद्दीकी

राजद विधायक सुधाकर सिंह को नोटिस भेजे जाने के बाद अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि महागठबंधन के नीतिगत निर्णय के लिए उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अधिकृत हैं. अनुशासन समिति और राष्ट्रीय अध्यक्ष भी कार्रवाई के लिए सक्षम हैं. इस तरह की जो बातें सामने आ रही हैं, इससे महागठबंधन धर्म की मर्यादा को नुकसान पहुंच रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी नियम से चलती है, और पार्टी नहीं चाहती की गठबंधन में किसी प्रकार का दरार पैदा हो.

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सुधाकर सिंह पर राजद का बड़ा एक्शन

बता दें कि पूर्व कृषि मंत्री और राजद विधायक सुधाकर सिंह को सरकार विरोधी बयानों के लिए आखिरकार पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया. पार्टी ने उन्हें जवाब देने के लिए 15 दिनों का समय दिया है. राजद पर इस बात को लेकर भारी दबाव था। सुधाकर सिंह मंत्री पद से हटाए जाने से पहले से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे थे. उन्होंने हाल के दिनों में भ्रष्टाचार को लेकर नीतीश सरकार पर हमले किए और ये भी कहा कि बिहार में कानून का राज नहीं है.

‘पार्टी के प्रस्ताव के खिलाफ हैं बयान’

सुधाकर सिंह को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने दिल्ली से नोटिस जारी किया. इसमें उल्लेख किया गया है कि ये नोटिस राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के निर्देश पर जारी किया जा रहा है. नोटिस में उनके व्यवहार को गठबंधन धर्म के विरूद्ध बताया गया. ये भी कहा गया है कि राष्ट्रीय महाधिवेशन में सर्वसम्मति से ये प्रस्ताव पारित किया गया था कि गठबंधन को लेकर कोई भी बयान उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ही देंगे. ‘आपके बयान लगातार इस प्रस्ताव का उल्लंघन करते हैं’. आपके बयानों से देश-विदेश में पार्टी की छवि आहत हुई है. सुधाकर सिंह को 15 दिनेां के अंदर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है क्यों नहीं उनपर गंभीर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए.

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सुधाकर सिंह : पार्टी धर्म से अलग बयानबाजी करने पर भेजा गया नोटिस- जदयू

जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने सुधाकर सिंह के नोटिस पर कहा कि वे महागठबंधन के खिलाफ बोल रहे थे. पार्टी धर्म से अलग बयानबाजी करने पर इनको नोटिस जारी किया गया है. गठबंधन में सभी को गठबंधन धर्म निभाना होता है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के द्वारा जब तेजस्वी यादव को अधिकृत कर दिया गया था, इसके बावजूद वे लगातार बयान दे रहे थे, जो गठबंधन के खिलाफ था. गैर भाजपा राज्य बिहार ने इस तरह की कार्रवाई से पूरे देश में नजीर पेश किया है. एक आदमी अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए गठबंधन के खिलाफ बोलने पर सिर्फ नेतृत्व कार्रवाई करती है.

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शिवानंद तिवारी और भाई बिरेंद्र पर राजद ने क्यों नहीं की कार्रवाई- बीजेपी

सुधाकर सिंह को नोटिस दिए जाने पर भाजपा प्रवक्ता अरविंद सिंह ने तेजस्वी यादव को घेरते हुए कई सवाल पूछे. उन्होंने कहा कि सुधाकर सिंह को 15 दिन का नोटिस भेजा गया. इससे पहले आदित्य सिंह को पार्टी से निकाला गया. इतना ही है तो शिवानंद तिवारी और भाई बिरेंद्र पर क्यों नहीं कार्रवाई करते हैं.

मुख्यमंत्री के दबाव में कुर्सी बचाने के लिए 15 दिनों का नोटिस जारी किया है. अरविंद सिंह ने तेजस्वी से कहा कि अगर आप में दम है तो पार्टी से निकालकर क्यों नहीं दिखाते. कुर्सी के लिए बलि का बकरा कितने दिन बनाएंगे. इतना ही दम है तो बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और भाई बिरेंद्र को पार्टी से निकाल कर दिखाएं, जिन्होंने हिंदुओं का अपमान किया, लेकिन आप केवल सुधाकर सिंह को ही नोटिस जारी करेंगे.

रिपोर्ट: राजीव कमल

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