SIWAN: जन सुराज यात्रा पर निकले राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि जो 15 साल से एक नौकरी नहीं दे पाये वो अचानक 15 लाख नौकरी कैसे देंगे. उन्होंने कहा कि लोग अगर झूठे वादे पर वोट देंगे तो हाथ खाली ही रहेंगे.
तेजस्वी यादव पर हमला करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के वो नेता जो मंच पर खड़े होकर ये दावा करते हैं कि मैं आपको 10 लाख नौकरियां दे दूंगा, तो वो आपको रोडमैप लगता है.
लेकिन सत्ता में आने के बाद वो आपके ऊपर डाकबंगला चौराहे पर लाठियां चलवा रहा है तो इसमें बिहार की जनता की गलती है. जो 15 सालों से सत्ता में होने के बाद आपको एक नौकरी नहीं दे पा रहा है और वो आकार कह रहा है की मैं आपको 15 लाख नौकरी दे दूंगा, तो उन से ये पूछना चाहिए की कैसे देंगे? अगर आप दे सकते थे तो पहले क्यों नहीं दी?

शराबबंदी के कारण बिहार में बढ़ रहा अपराध
सीवान में जन सुराज पदयात्रा शिविर में प्रशांत किशोर ने कहा कि अपराध के किसी भी आंकड़े को एक हफ्ते के नजरिए से देख कर कोई निर्णयात्मक बात नहीं की जा सकती. अगर बिहार के पिछले एक साल के अपराध के आंकड़े देखा जाए तो दलित समाज के खिलाफ अपराध हो या महिलाओं के खिलाफ अपराध या फिर डकैती, अपहरण, लूट की घटनाएं हो, सभी अपराधों में बढ़ोतरी हुई है.
बिहार में अपराध और कानून-व्यवस्था की स्थिती बिगड़ रही
उन्होंने कहा कि दुसरे राज्यों से तुलना कि जाए तो बिहार में अपराध और कानून-व्यवस्था की स्थिती बिगड़ रही है. इसका मूल कारण शराबबंदी कानून लागू करना है, जिसकी वजह से प्रशासन का एक बड़ा हिस्सा शराबबंदी को लागू कराने, उससे पैसा कमाने, उसको छिपाने में लगा हुआ है और कानून-व्यवस्था की जो उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है उसको छोड़ कर अगर वो दूसरे काम में लगे रहेंगे तो कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब तो ही जायेगी.
‘अगर जनता में उदासीनता रहेगी तो वो जनप्रतिनिधियों के खिलाफ गुस्सा फूटेगा ही’
नीतीश कुमार पर कुर्सी चलने पर पीके ने कहा कि लोगों में नीतीश कुमार के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा है, सुरक्षा के बल पर लोगों के गुस्से को नहीं दबाया जा सकता. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जी कोई भी पब्लिक कार्यक्रम करेंगे तो उसमें इस तरह की अप्रिय घटना घटित होगी ही.
साथ ही मैंने नीतीश कुमार को चुनौती भी दी है कि यदि नीतीश कुमार को लगता है कि उन्होंने काम किया है तो किसी भी एक गांव या पंचायत में बिना किसी सुरक्षा के घुम कर दिखाएं. जब जनता में इतनी उदासीनता है, इतना ग़ुस्सा है तो जब आप जमीन पर जाएंगे तो लोग शोर मचाएंगे ही. जनता जब नाराज होगी तो कुर्सी चलाएगी ही, कोई झंडा फाड़ेगा, कोई रोड पर लेटेगा. ऐसा केवल एक ज़िले में नहीं हो रहा है, ये पूरे बिहार में हो रहा है. क्योंकि लोगों में सरकार को लेकर नाराज़गी है.