बिल्डिंग रेगुलराइजेशन बिल ही एकमात्र समाधान- चैंबर

झारखंड में वर्षों पूर्व निर्मित भवनों को रेगुलराइज को लेकर चैंबर भवन में हुई बैठक

रांची : बिल्डिंग रेगुलराइजेशन बिल ( Building Regularisation Bill) – झारखंड में वर्षों पूर्व निर्मित

भवनों को रेगुलराइज करने की आवश्यकता पर बल देते हुए चैंबर भवन में एक बैठक संपन्न हुई.

बैठक में राज्यसभा सांसद महुआ माजी उपस्थित थीं. चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने चिंता व्यक्त करते हुए

कहा कि राजधानी रांची समेत प्रदेश के विभिन्न जिलों में वर्षों पूर्व निर्मित भवनों को ध्वस्त करने के आदेश से

संबंधित नगर निगम – निकायों द्वारा पूर्व में निर्गत किये गये नोटिसों से राज्यवासी भयभीत हैं.

राज्य वासियों की चिंताओं का हो समाधान

किशोर मंत्री ने कहा कि लोगों की कठिनाईयों को देखते हुए ही देश की राजधानी दिल्ली के

चांदनी चौक, कनॉट प्लेस, कोलकाता स्थित बड़ा बाजार में वर्षों पूर्व निर्मित भवनों को

व्यवहारिक पॉलिसी के तहत रेगुलराइज किया गया है. राज्यवासियों की चिंताओं का समाधान संभव हो सके,

इस हेतु झारखण्ड में एक व्यवहारिक बिल्डिंग रेगुलराइजेशन स्कीम की आवश्यकता को

समझते हुए ही झारखंड चैंबर, क्रेडाई, बिल्डर्स एसोसिएशन और

आर्किटेक्ट एसोसिएशन द्वारा संयुक्त रूप से राज्य वासियों के अनुकूल एक पॉलिसी प्रस्तावित की गई है.

Building Regularisation Bill – भवन मालिकों की चिंताओं का हो समाधान

यह आग्रह किया गया कि राज्य सरकार, ‘‘झारखण्ड नगरपालिका अधिनियम के तहत किसी भी

निर्माण, पुनर्निमाण या भवन के परिवर्तन को (जिस भवन का नक्शा पास नहीं है या विचलन है)

नियमितीकरण के लिए बिल्डिंग रेगुलराइजेशन स्कीम का प्रस्ताव लाने की पहल करे ताकि

भवन मालिकों की चिंताओं का समाधान संभव होने के साथ ही सरकार को इस मद से

राजस्व की प्राप्ति हो सके. राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में लिया जानेवाला

निर्णय झारखण्ड वासियों के लिए क्रांतिकारी निर्णय होगा तथा इससे राज्य वासियों की

वर्षों पूर्व से बनी हुई समस्या का समाधान संभव हो सकेगा.

भवनों को रेगुलराइज करने से विकास को मिलेगी नई गति- मनोज नरेडी

चैंबर के पूर्व अध्यक्ष मनोज नरेडी ने कहा कि इस दिशा में सरकार को व्यवहारिक रूप से

सोचना पडेगा क्योंकि जो लोग रेगुलराइज करायेंगे वे इसके एवज में राजस्व भी देंगे.

ऐसे भवनों को रेगुलराइज करने से राज्य के विकास को नई गति मिलेगी. क्रेडाई के सचिव आलोक सरावगी, आर्किटेक्ट एसोसिएशन के अरुण कुमार और संदीप झा ने कहा कि विभिन्न राज्यों की रेगुलराइजेशन पॉलिसी का अध्ययन करने के उपरांत ही हमारे द्वारा बिल का प्रारूप प्रस्तावित किया गया है. सरकार को अब अधिक विलंब नहीं करते हुए, समाधान की पहल करनी चाहिए.

पूर्व निर्मित भवनों को तोड़ देना समस्या का समाधान नहीं, सीएम से करेंगे बात- महुआ माजी

राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने नवनिर्वाचित चैंबर पदाधिकारियों को बधाई देते हुए आश्वस्त किया कि वे इस मामले में विभागीय अधिकारियों और मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगी. उन्होंने स्वीकार करते हुए कहा कि लोगों की चिंता को देखते हुए आवश्यक है कि राज्य में जल्द से जल्द बिल्डिंग रेगुलराइजेशन बिल ( Building Regularisation Bill) लाया जाय. क्योंकि वर्षों पूर्व निर्मित भवनों को तोड़ देना समस्या का स्थाई समाधान नहीं है. इससे उस स्थल का ऐतिहासिक महत्व भी प्रभावित होता है. समस्या जल्द सुलझनी चाहिए ताकि जनता को राहत मिल सके. उन्होंने इस मामले में हरसंभव प्रयास के लिए झारखंड चैंबर को आश्वस्त किया.

Building Regularisation Bill: वर्तमान समय में नक्शा पास कराना काफी कठिन- अंचल किंगर

पूर्व अध्यक्ष अंचल किंगर ने अवगत कराया कि वर्तमान व्यवस्था में नक्शा पास कराना काफी कठिन है. इस व्यवस्था को सरल बनाया जाना आवश्यक है. पूर्व अध्यक्ष विनय अग्रवाल ने कहा कि वर्ष 2011 की रेगुलराइजेशन स्कीम के तहत काफी संख्या में लोगों ने आवेदन दिये थे जिस मद में करोड़ों रुपए आज नगर निगम में जमा हैं. सरकार को साकारात्मकता दिखाते हुए एक निर्धारित शुल्क लेकर जिन भवनों का विचलन है, उन्हें रेगुलराइज करने की पहल करनी चाहिए. चैंबर के पूर्व अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबडा ने कहा कि हमें विश्वास है कि मुख्यमंत्री इस विषय पर गंभीरता दिखाते हुए विधानसभा के अगले सत्र में बिल का प्रारूप अवश्य प्रस्तुत करेंगे.

बिल्डिंग रेगुलराइजेशन बिल: बैठक में ये लोग हुए शामिल

आज की बैठक में चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री, उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, अमित शर्मा, महासचिव डॉ. अभिषेक रामाधीन, सह सचिव रोहित पोद्दार, शैलेष अग्रवाल, कोषाध्यक्ष सुनिल केडिया, कार्यकारिणी सदस्य नवीन गाडोदिया, परेश गटटानी, विकास विजयवर्गीय, प्रवक्ता ज्योति कुमारी, पूर्व अध्यक्ष अरूण बुधिया, अर्जुन प्रसाद जालान, मनोज नरेडी, विनय अग्रवाल, प्रवीण जैन छाबड़ा, सदस्य संजय अखौरी, सुनिल सरावगी, विक्रम खेतावत, कमल सिंघानिया, विवेक अग्रवाल, संदीप नागपाल, बिनोद बक्षी, एनके पाटोदिया, उमाशंकर कनोडिया, मनमोहन मोहता, प्रतीक मोर, विनय मिढा, नरेंद्र लाखोटिया, साकेत मोदी, आस्था किरन, राजेश सोमानी, निशांत सरावगी, बिनोद मोदी, प्रकाश कुमार के अलावा सैकड़ों व्यापारी उपस्थित रहे.

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