नई दिल्ली : आम लोगों को महंगाई से कुछ राहत मिल सकती है.
रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचे खाने वाले तेलों के दाम में कमी की संभावना है.
पॉम ऑयल के सबसे बड़े उत्पादक इंडोनेशिया ने निर्यात पर लगी रोक को हटाने का निर्णय लिया है.
इसी कारण भारत में खाने वाले तेल के मोर्चे पर लोगों को राहत मिलने की उम्मीद की जा रही है.
ऑयल खरीदने वाला सबसे बड़ा देश भारत
इंडोनेशिया ने पॉम ऑयल पर लगी रोक को हटाने का गुरुवार को ऐलान किया.
यह प्रतिबंध सोमवार से हटने वाला है.
भारत अभी इंडोनेशिया से पॉम ऑयल खरीदने वाला सबसे बड़ा देश है. भारत इंडोनेशिया से सालाना करीब 80 लाख टन पॉम ऑयल खरीदता है. भारतीय बाजार में खाद्य तेलों के कुल उपभोग में पॉम ऑयल का हिस्सा करीब 40 फीसदी है. दूसरी ओर इंडोनेशिया हर साल करीब 480 लाख टन पॉम ऑयल का उत्पादन करता है. यह टोटल ग्लोबल प्रॉडक्शन 750 लाख टन के आधे से भी ज्यादा है. पॉम ऑयल इंडोनेशिया के लिए रेवेन्यू का सबसे बड़ा स्रोत है.
निर्यात पर रोक को हटाने का इंडोनेशिया ने लिया फैसला
इंडोनेशिया के कॉमर्स मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने बताया कि पॉम ऑयल के निर्यात पर रोक लगाने के बाद अब उनके देश में इसे स्टोर करने की क्षमता समाप्त हो चुकी है. इसी कारण निर्यात पर रोक को हटाने का फैसला लेना पड़ा है. उन्होंने बताया कि निर्यात पर रोक का फैसला बदलने के पीछे यही मुख्य वजह है. इंडोनेशिया ने पॉम ऑयल के एक्सपोर्ट पर रोक लगाने का ऐलान 28 अप्रैल को किया था. अब एक महीने के भीतर फैसले को बदल दिया गया है.
भारत को मिलेगी राहत
भारत अभी कई सालों की सबसे ज्यादा महंगाई से जूझ रहा है. पिछले महीने भारत में खुदरा महंगाई मई 2014 के बाद के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गई. इसी तरह थोक महंगाई नवंबर 1998 के बाद की सबसे ज्यादा है. अप्रैल महीने में रिकॉर्ड महंगाई के लिए फूड एंड फ्यूल इंफ्लेशन जिम्मेदार रहे. फूड इंफ्लेशन की बात करें तो यह मार्च के 7.68 फीसदी की तुलना में उछलकर अप्रैल में 8.38 फीसदी पर पहुंच गई. अब अगर खाने के तेलों के दाम कम होते हैं, तो इस मोर्चे पर राहत मिलेगी. इंडोनेशिया की रोक के लंबा खिंचने पर भारत में खाने के तेलों के भाव डबल हो जाने का खतरा था.