केदारनाथ के निधन से शैक्षणिक, राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में हुई अपूरणीय क्षति
पटना : सीपीआई एमएलसी केदारनाथ पांडेय के निधन पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने श्रद्धांजलि दी.
इसके बाद उन्होंने कहा कि उनके निधन से बहुत दुख हुआ है, वह बहुत पुराने लोग थे.
समाज की सेवा करते थे. केदारनाथ पांडेय के निधन से शैक्षणिक,
राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है.
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हाउस के अंदर वे जिस तरीके से बात रखते थे,
उसकी कमी अब खलेगी. वे पूरे बिहार के बारे में बात करते थे. उनके प्रति सम्मान का भाव है.
जब उनकी तबीयत खराब हो गई थी तब उनके पुत्र से हमारी बराबर बातचीत होती रहती थी.
केदारनाथ पांडेय के अचानक निधन से शून्य हो गया. उन्होंने जो कुछ काम किया है उसकी जितना चर्चा करेंगे वो कम है. बिहार विधान परिषद में उनकी स्मृति में पब्लिश करने का भी निर्देश दिया है, उनकी एक कॉपी बनाई जाएगी. वहीं छठ को लेकर ट्रेनों में भारी भीड़ और निरीक्षण को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले पर 1-2 दिन के बाद बात करेंगे.
मेदांता अस्पताल में हुआ निधन
विधान परिषद के सदस्य और बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदार पांडेय का निधन हो गया है. बिहार के कद्दावर वामपंथी नेता केदार पांडेय का निधन गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में हुआ है. एमएलसी केदार पांडेय हार्ड अटैक आने के बाद से गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे जहां उनका इलाज चल रहा था. इलाज के दौरान ही उन्होंने सोमवार को दम तोड़ दिया.
एमएलसी केदारनाथ पांडेय: शिक्षा जगत के लिए अपूरणीय क्षति
केदार पांडेय के निधन को बिहार के शिक्षा जगत के लिए अपूरणीय क्षति माना जा रहा है. दरअसल केदार पांडेय बिहार में वाम दल के एक स्तंभ माने जाते थे. मूल रूप से बलिया, उत्तर प्रदेश के रहने वाले केदार पांडेय बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ से शुरू से ही जुड़े हुए थे. इसके अलावा वह बिहार के विभिन्न अलग-अलग संस्थाओं में भी काम कर चुके थे. शिक्षकों के हितों की बात को वो सड़क से सदन तक उठाने के लिए जाने जाते थे. केदार पांडेय को बिहार में शिक्षकों के हित के लिए काम करने वालों में सबसे बड़ी आवाज माना जाता था. उनके निधन पर विभिन्न दलों, संगठन और मंच से जुड़े लोगों ने शोक प्रकट करते हुए अपनी संवेदना जाहिर की है.
रिपोर्ट: राजीव कमल