Ranchi- शिक्षकों का स्थानांतरण – झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत में शिक्षकों का ट्रांसफर
और उसका अनुपालन होने के बाद स्थानांतरण आदेश को रद्द करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई हुई.
सुनवाई के दौरान अदालत ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव के उस आदेश को खारिज कर दिया,
जिसके तहत उन्होंने ट्रांसफर आदेश को रद किया था.
अदालत ने माना कि जब एक बार ट्रांसफर जारी हुआ और
उसका अनुपालन कर दिया गया, तो उसे वापस नहीं लिया जा सकता है.
शिक्षकों का स्थानांतरण रद्द करने पर कोर्ट का फैसला
याचिका में दावा किया गया था कि इस संबंध में सचिव का आदेश बिल्कुल गलत है.
इस मामले में सत्येंद्र कुमार, राजश्री भगत और सुजीत रजक सहित आठ अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी.
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता नेहा भारद्वाज ने अदालत बताया कि
सभी शिक्षक लोहरदगा जिले के विभिन्न स्कूलों में कार्यरत थें.
इसके बाद वर्ष 2021 में उनका ट्रांसफर दूसरे स्कूलों में कर दिया गया.
सभी ने ट्रांसफर वाले स्कूल में योगदान भी दे दिया.
कुछ दिनों बाद स्कूली एवं साक्षरता विभाग के सचिव ने इसे अवैध बताते हुए ट्रांसफर आदेश को रद्द कर दिया.
अदालत को बताया गया कि हाई कोर्ट की खंडपीठ ने पूर्व में अपने आदेश में कहा है
कि ट्रांसफर आदेश का अनुपालन होने के बाद उसे वापस नहीं लिया जा सकता है.
मामले में सचिव का आदेश बिल्कुल गलत है.
उसे निरस्त कर देना चाहिए. इस पर अदालत ने सचिव के आदेश को निरस्त करते हुए सभी प्रार्थियों को राहत प्रदान की है.
अब सभी अपने ट्रांसफर वाले स्कूलों में काम कर सकेंगे.
रिपोर्ट- प्रोजेश