रांचीः पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप को दिल्ली से रांची लाया गया. 30 लाख का इनामी पीएलएफआई सुप्रीमो झारखंड पुलिस और एनआईए ने दिल्ली पुलिस के संयुक्त सहयोग से दिनेश गोप को नेपाल से गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद दिनेश गोप को दिल्ली लाया गया. उसके बाद वहां से एयर एशिया की विमान से रविवार की शाम पांच बजे रांची एयरपोर्ट लाया गया. एनआईए के द्वारा दिनेश गोप से पूछताछ की जाएगी. इस दौरान कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है.
दो दिन पहले ही दिनेश गोप ने खुद कॉल कर भाजपा के महानगर जिला महामंत्री काे फाेन पर दिया धमकी देते हुए 10 एके-47 राइफल देने को कहा था. मांग पूरी नहीं करने पर अंजाम भुगतने काे तैयार रहने की भी चेतावनी दे डाली थी. इस धमकी भरे कॉल पर गाेंदा थाने में भाजपा नेता बलराम सिंह ने मामला दर्ज कराया था, जिसकी जांच पुलिस कर रही थी.
हर बार मुठभेड़ में बचकर भाग निकलता था
दर्जनों लोगों की हत्या का आरोपी दिनेश गोप लंबे समय से पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था. जिसे झारखंड और बिहार पुलिस के अलावा एनआईए भी खोज रही थी. दिनेश गोप को पकड़ना या फिर मार गिराना झारखंड पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ था. सुप्रीमो दिनेश गोप के दस्ते के साथ आधा दर्जन से अधिक मुठभेड़ हुई. लेकिन हर मुठभेड़ में दिनेश गोप बचकर भाग निकलता था.
लंबे समय से एनआईए को थी तलाश
एनआईए को पीएलएफआई उग्रवादी संगठन के प्रमुख की आरसी 02/2018 मामले में तलाश है. गौरतलब है कि नोटबंदी के ठीक बाद दिनेश गोप ने लेवी के 25.38 लाख रुपये एसबीआई रांची के बेड़ो शाखा में एक पेट्रोल पंप संचालक के जरिए जमा करवाने की कोशिश की थी. रांची पुलिस ने 10 नवंबर 2016 को पेट्रोल पंप संचालक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था.
इस मामले में एनआईए ने 19 जनवरी 2018 को केस टेकओवर किया था. एनआईए ने शुरुआत में छापेमारी कर दिनेश गोप के सहयोगी सुमंत कुमार समेत अन्य के ठिकानों से 90 लाख नकदी और निवेश संबंधी कागजात बरामद किये थे. एनआईए ने जांच के क्रम में दिनेश गोप की दो पत्नियों हीरा देवी और शकुंतला कुमारी को भी गिरफ्तार किया था.
2 मार्च 2020 को एनआईए ने दिनेश गोप के खास सहयोगी जयप्रकाश सिंह भुईंया और अमित देशवाल को गिरफ्तार किया था. पीएलएफआई के पैसों को कंपनियों में निवेश के मामले में गुजरात के एक व्यवसायी को भी एनआईए ने गिरफ्तार किया था.