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Saturday, April 20, 2024

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झारखंडी अस्मिता और सहजता के प्रतीक थें डॉ रामदयाल मुंडा, नई पीढ़ी पढ़े और जानें- सुदेश महतो

Ranchi– जीवन के कैनवास पर अदभुत, अद्वितीय और अविस्मरणीय रंग भरने वाले डॉ रामदयाल मुंडा सदियों तक हमारे प्रेरणा श्रोत बने रहेंगे.

इन शब्दों में डॉ रामदयाल मुंडा को याद किया है

आजसू के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने.

सुदेश कुमार महतो डॉ रामदयाल मुंडा की जंयती पर डॉ रामदयाल मुंडा पार्क स्थित उनकी मूर्ति पर श्रद्धांजलि कर रहे थें.

इस अवसर पर सुदेश महतो ने कहा कि

रांची जिले के एक साधारण से गांव से निकलकर देश-दुनिया में उन्होंने झारखंड का मान-सम्मान बढ़ाया.

हमें उन्हें याद करने के लिए किसी खास तारीख की जरूरत नहीं.

वे हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे.

नई पीढ़ी डॉ मुंडा को पढ़े और जानें. इससे समृद्ध झारखंड गढ़ने की राह सशक्त होगी.

झारखंडी संस्कृति, अस्मिता और पंरपरा के प्रतीक थें डॉ रामदयाल मुंडा

आजसू प्रमुख ने कहा कि झारखंड आंदोलन के प्रणेता, आदिवासी अधिकार और

उत्थान के मुखर प्रवक्ता, महान शिक्षाविद, चिंतक डॉ मुंडा ने झारखंडी, संस्कृति,

अस्मिता, पंरपरा, भाषा, विषय को सहेजने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया.

  उनके दिखलाये राह पर चलकर ही झारखंड को प्रगति के रास्ते पर ले जाया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि डॉ मुंडा धैर्य, सहनशीलता और विचारों के प्रतिमूर्ति थे.

वे हर किसी की बात धैर्य से सुनते, उसे गुनते, उसके बाद ही अपनी बात कहतें.

कई मौके पर लेखक, कलाकार, साहित्यकार, पत्रकार को एक मंच पर लाते रहें और उनके अन्दर अपने विचारों से ऊर्जा भरते रहें.

झारखंड आंदोलन के दौरान उनका बौद्धिक युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बना रहा.

धैर्य, सहनशीलता और रचनाधर्मिता के प्रतिमूर्ति थें

उनके जीवन दर्शन से हमें हर पल सीखने को मिलता है.

सुदेश महतो ने कहा कि अपनी तमाम विद्वता, पहचान के बावजूद वे ताउम्र कला, संस्कृति, प्रकृति में रचते-बसते रहे.

भाषा और साहित्य को समृद्ध बनाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई. उनके लिए राजनीति के मायने भी अलग थे.

उन्होंने कहा कि सच्चे अर्थों में डॉ रामदयाल मुंडा धैर्य, सहनशीलता, रचनाधर्मिता के वे प्रतिमूर्ति थे, वे जैसे अंदर थे वैसे बाहर थे.

इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए आजसू  के केंद्रीय प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत ने कहा कि यह बेहद गौरव और गुमान का दिन है कि

उस महान झारखंडी शख्सियत को याद करने सभी आंदोलनकारी एक साथ जुटे हैं.

इस अवसर पर डॉ संजय बसु मल्लिक, महानगर अध्यक्ष ज्ञान सिन्हा, छात्र संघ के प्रदेश प्रभारी हरीश कुमार,

वरीय उपाध्यक्ष अब्दुल जब्बार, प्रदेश उपाध्यक्ष नीरज वर्मा भी उपस्थित रहें.

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