कटिहार : ये कोई फेरीवाले नहीं हैं बल्कि सरकारी स्कूल के शिक्षक हैं। नीतीश सरकार के शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया कि मिड डे मिल योजना के खाली बोरों को बेच कर विद्यालय के खाते में डाले जाएं। उन्होंने अपने ही अनूठे अंदाज में बोरा बेचने सड़कों पर उतर आये। अब जरा इनके बेचने का अंदाज और इनकी बातें भी सुन लिजिये। ये कह रहे भले ही चूहों ने काट लिया मगर ये बोरा सुशासन की सरकार का है, और अगर बोरे नहीं बिके तो उनके बच्चे खायेंगे क्या।
ये निकले थे, अपने ही अंदाज में बोरा बेचने। मगर इनका बोरा बेचने का अंदाज और इनके मुंह से निकलते तंज भरे बोल शिक्षा विभाग को भी चुभ गये। बहरहाल जिला शिक्षा अधिकारी ने इन्हें निलंबित कर दिया हैं।
सरकारी शिक्षक होते हुए राजनीति करने के आरोप में निलंबन हुआ। फिर वे सरकार और शिक्षा विभाग के आदेशों पर बिफरते दिखे। इन्हें शिकायत इस बात की है कि सरकार शिक्षकों से शिक्षण कार्य कराने की बजाय उन्हें कभी खुले में शौच करनेवालों के फोटो लेने कहती हैं, तो कभी बोरा बेचने कहती हैं।
निलंबन हुआ तो इनके समर्थन में शिक्षक संघ ने भी पहल करते हुए निलंबन वापस लेने की मांग की है। अन्यथा पूरे प्रदेश में आंदोलन करने की धमकी दी।
अब एक तरफ जहां शिक्षा विभाग उनके बोरा बेचने पर सख्त नाराज हैं, और इसे अशोभनीय कृत्य बता रहा। वहीं दूसरी तरफ शिक्षक संघ इनका निलंबन वापस लेने को लेकर आंदोलन की धमकी दे रहा है। इन सब से परे तमीजउद्दीन महाशय अपने ही अंदाज में गाना गाकर सीधे नीतीश कुमार से ही निलंबन वापसी की मांग कर रहे हैं।