झारखंड में दो बरोजगारों की बातचीत
हास्यव्यंग – केतई दरद होवे लाइग हई ई दिल में कि का बताईयो। हेमंत बाबू कहिया सुनबू हमरी। देइख रहीन ना महाराष्ट्र में बेरोजगार को सरकार 10 हजार स्टेपन देवे लाइग हे आउर हमिन कर अकाउंट मे कद्दू आवे लाइग हे। अब का करी हामर जरुरत के पूरा करी। हेमंत बाबू आई रहे तो हमका लाइग रहे उ हामर दुख दरद सुनी। लेकिन ऐसन कुछो नहीं होवे लाइग हे।
सुनई थी हेमंत बाबू, हामर का दोष, हामर अकाउंट में कहिया गिरतउ छातरवृति कर 10 हजार का करले हउ महाराष्ट्र के बेरोजगार जे हम ना करले हऊ। हमरो तो चुनाव होतऊ तब बतैबौ। हमहो जाईत हियौ महाराष्ट्र वहीं के नेतवैन के वोट देबौऊ। तू का करले हीन हमरे लिए अभी तक परीक्षा लेली, क्वेश्चन पेपर लीक होई गेलऊ। तोहर शासनकाल में बाहरी कर नौकरी होई रहल हऊ हमर नहीं।
ये सब ठीक ना हो रहल हऊ हेमंत बाबू। हमरो दे 10 हजार रुपया स्टाइपेन तबे वोट देबौऊ नै तो महाराष्ट्र भाइग जाबौ। आखिर आउर कहिया तकले तोर राह ताकबौ। तोर चक्कर में हामर उमर ढइलते जात है। अब तो ऐसन समय आय गेलक के हमरा के कोईयो माई-बाप आपन छौड़ी भी नै देवे चाहत हैं। आब तोंहें बताव हम करियौव तो करियौव का। जा थो मोय भी महाराष्ट्र पैसा झोके।