Ranchi- तीन सप्ताह से जारी राजनीतिक कशमकश के बीच आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात कर राज्य में जारी सियासी ऊहापोह को समाप्त करने का आग्रह किया है.
अपने पत्र में हेमंत सोरेन ने लिखा है कि
तीन सप्ताह से जारी असामान्य परिस्थितियों के कारण आपके समक्ष आवेदन के साथ उपस्थित होना पड़ रहा है.
क्योंकि भाजपा के द्वारा पूरे राज्य में यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि
खनन लीज मामले में मेरी विधानसभा की सदस्यता समाप्त कर दी गयी है.
इस बारे में भाजपा नेताओं के सार्वजनिक बयान से यह एहसास होता है कि
निर्वाचन आयोग द्वारा अपना मंतव्य भाजपा को सौंप दिया गया है.
दल बदल करवाना चाहती है भाजपा-मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
भाजपा इस भ्रम का उपयोग राज्य में दल बदल करवा कर सत्ता हासिल करने में करना चाह रही है.
इस परिस्थिति में राज्यपाल से निवेदन है कि निर्वाचन आयोग के मंतव्य की एक प्रति उपलब्ध करवायी जाय.
ताकि राज्य में जारी अनिश्चितता का वातावरण दूर सके.
कई सप्ताह से राज्यपाल के पास लंबित है प्रस्ताव
यहां बतला दें कि पिछले कई सप्ताह से निर्वाचन आयोग का मन्तव्य राज्यपाल के पास लंबित है.
लेकिन राज्यपाल ने अब तक उस मंतव्य पर कोई निर्णय नहीं लिया है.
इसके पहले भी यूपीए विधायकों और नेताओं का एक प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर राज्य में जारी ऊहापोह की स्थिति को समाप्त करने का आग्रह किया था.
तब ही राज्यपाल की ओर से जल्द ही कार्रवाई की बात कही गयी थी.
लेकिन अब तक कोई सूचना सार्वजनिक नहीं की गयी और
ना ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग के मंतव्य से अवगत करवाया गया.
1932 का खतियान को माना जा रहा है हेमंत का छक्का
अब जब कैबिनेट से 1932 का खतियान लागू करने और
ओबीसी आरक्षण का विस्तार करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
आदिवासी मूलवासी समूहों में इस सरकार के प्रति समर्थन बढ़ा है.
तब हेमंत सोरेन ने स्वयं ही राज्यपाल से मुलाकात कर मामले में खुलासा करने का आग्रह किया है.