जमशेदपुर : दुर्गा पूजा के पूर्व महालया के दिन पूर्वजों को याद करने के लिए सैकड़ों लोगों ने खरकई और स्वर्णरेखा के मिलन स्थान दुमानी पहुंचे. बुधवार को सुबह महिला, पुरुष, बुजुर्ग, बच्चे सभी नदी घाट पहुंचे. स्नान कर अपने पूर्वजों को जल देकर उनकी आत्मा की शांति के लिए कामना की.
मौके पर मौजूद पुरोहित के द्वारा मंत्र उच्चारण कर पूर्वजों को याद कराया गया. इस संबंध में पंडित बापी मुखर्जी ने बताया कि आज के युग में पूर्वजों को याद करने वाले बहुत कम लोग होते हैं. महालया के दिन पृतपक्ष के अंतिम दिन होती है. पूर्वजों के आत्मा आज के दिन जल की आशा में भटकते हैं. उन्होंने बताया आज के दिन तर्पण करने से पूर्वजों के आत्मा को शांति मिलता है. साथ ही तर्पण के बाद दान करने से परिवार में शांति, सुरक्षा और उज्जवल भविष्य के लिए भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होती है.
पूर्वजों को तर्पण करने पहुंचे महिला जोबा चटर्जी ने बताया कि अभी के समय बच्चे को भी साल में एक बार पूर्वजों को याद कर तर्पण करना चाहिए. इससे पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होती है. साथ ही परिवार में सुख-शांति कायम रहती है. उन्होंने बताया कि इसके लिए हम अपने बेटी को भी लेकर प्रत्येक वर्ष पूर्वजों को तर्पण करने आते हैं. ताकि पूर्वजों को याद कर उन्हें साल में एक बार जल देकर उनके आत्मा को शांति मिले और आशीर्वाद लेकर बच्चों के भविष्य उज्जवल हो सके.
रिपोर्ट : लाला जब़ी