Patna– मुख्यमंत्री आवास पर चल रही जदयू की बैठक खत्म हो चुकी है. बैठक में एनडीए से अलग होने के फैसले पर मुहर लगा दी गयी. खबर यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने विधायक और सांसदों को संबोधित करते हुए कहा है कि हमारी कोशिश अंतिम समय तक एनडीए का हिस्सा बने रहने की थी, लेकिन दूसरी ओर से जदयू को बर्बाद करने की साजिश रची जा रही थी. इस स्थिति में भाजपा के साथ रहकर सरकार चलाना नामुमकिन हो गया था, बदली हुई राजनीतिक हालात में नया निर्णय लेना बेहद जरुरी था. कोई भी राजनीतिक पार्टी आंख बंद कर अपनी पार्टी की बर्वादी का नजारा नहीं देख सकती. हम अब इस साजिश का पर्दाभाश करेंगे.
आरसीपी सिंह को आगे कर जदयू को दो फाड़ करने की कोशिश करने का आरोप
यहां बता दें कि भाजपा और जदयू के बीच की यह कलह नयी नहीं है, पिछले कई माह से बिहार में नयी सरकार देने की रुप रेखा तैयार की जा रही थी. इसकी एक छलक तब देखने को मिली थी, जब ईद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राबड़ी आवास पर जाकर तेजस्वी यादव को ईद का मुबारकवाद दिया था. माना जा रहा है कि नीतीश की कोशिश उसी समय एनडीए से बाहर होने की थी, लेकिन कई अन्य राजनीतिक कारणों से इसे टाला जाता रहा, लेकिन हाल के दिनों में जिस प्रकार भाजपा की ओर से आरसीपी सिंह को आगे कर जदयू को दो फाड़ करने की कोशिश की गयी, उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश लिए यह एनडीए के साथ रहना बेहद कठीन हो गया.
2023 में तेजस्वी यादव की हो सकती है ताजपोशी
माना यह भी जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2023 में किसी भी वक्त मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की घोषणा कर देंगे, इसके साथ ही तेजस्वी यादव के सर पर मुख्यमंत्री पद की ताजपोशी कर दी जाएगी. और नीतीश कुमार खुद 2024 की तैयारियों में जुट जाऐंगे, उनकी कोशिश 2024 में पीएम पद का चेहरा बनने की है. माना यह जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चेहरे के रुप में विपक्ष को पीएम पद के लिए एक चेहरा मिल जायेगा, क्योंकि सीएम नीतीश कुमार का चेहरा सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीशगढ़ में बिकाऊ होगा.
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