झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा ने मनाई जयपाल सिंह मुंडा की 52वीं पुण्यतिथि, सरकार से की नौकरी देने की मांग

रांची : झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा ने मनाई जयपाल सिंह मुंडा की 52वीं पुण्यतिथि, सरकार से की नौकरी देने की मांग-

झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा, पश्चिमी सिंहभूम के तत्वावधान में

झारखंड आंदोलनकारी मिलन समारोह का आयोजन नवामुंडी के कुतिंका गांव में किया गया.

समारोह में मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की 52वीं पुण्यतिथि मनाई गई

तथा झारखंड के वीर महापुरुषों के चित्रों पर माल्यार्पण किया गया.

साथ ही गोवा गोलीकांड व झारखंड आंदोलन में शहीद हुए आश्रितों को सम्मानित किया गया.

इस मौके पर संघर्ष मोर्चा द्वारा मांग की गई कि सभी आंदोलनकारियों को सरकार जल्द से जल्द

चिन्हित कर सीधी नौकरी देकर मान-सम्मान पहचान दे.

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि झारखंड आंदोलनकारी चिन्हितीकरण आयोग के

सदस्य भुनेश्वर महतो ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों को चिन्हित करने का

दायित्व सरकार ने मुझे दिया है यह मेरे लिए गौरव है.

निश्चित ही अलग राज्य के झारखंड आंदोलनकारियों को मान-सम्मान पहचान मिलना चाहिए. राज्य सरकार ने अभी आंदोलनकारियों के लिए 5 परसेंट आरक्षण तथा पेंशन राशि में बढ़ोतरी कर उत्कृष्ट कार्य किया है. उन्होंने कहा कि सही आंदोलनकारी छूटे नहीं और गलत जुटे नहीं ये हमारी सरकार की प्राथमिकता है.

स्वयं को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं झारखंड आंदोलनकारी

विशिष्ट अतिथि राजू महतो ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों का चिन्हित करने का कार्य जल्द से जल्द किया जाए. आंदोलनकारियों से ही राज्य का गौरव है लेकिन आज झारखंड आंदोलनकारी इस माय माटी की सरकार में स्वयं को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने आंदोलनकारी कोरिडोर निर्माण की मांग की.

गौरवशाली इतिहास स्थापित करे सरकार

केंद्रीय प्रवक्ता पुष्कर महतो ने कहा कि माननीय शिबू सोरेन सहित सभी झारखंड आंदोलनकारियों को सरकार चिन्हित करें, सम्मान दे पहचान दे. झारखंड आंदोलनकारी एवं अमर पुरोधाओं को चिन्हित करने का दायित्व चुनौतीपूर्ण है उसे सरकार अवसर में बदलकर गौरवशाली इतिहास स्थापित करे. सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा पश्चिम सिंहभूम के अध्यक्ष आसमान सुंडी ने कहा कि सरकार झारखंड आंदोलनकारियों के सपनों को साकार करें. झारखंड आंदोलनकारी एवं पूर्व विधायक मंगल सिंह बोंगोंगा ने कहा कि हमारे झारखंड आंदोलनकारियों की संघर्ष और शहादत के बाद ही झारखंड राज्य का गठन हुआ है दुर्भाग्य है कि अभी अपनी पहचान के लिए मान-सम्मान के लिए एक बार और आंदोलन करना पड़ रहा है.

ये लोग रहे उपस्थित

मौके पर केंद्रीय सचिव सारोजनी कच्छप, विनीता खलखो, अशोक वर्मा, नवाज़ हुसैन, विश्वजीत प्रमाणिक ने भी विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम में सुरेश लागुरी, रेशमी तिरिया, नरपति लागुरी, सानू सवैया, अंबिका दास, नवाज़ हुसैन, सावित्री लागुरी, जस्मनी जेराई, राम सिरका,उपेन्द्र लागुरी, मोरन सिंह लागुरी, कृष्ण चन्द्र बोयपाई, मंगल केराई, चंद्र मोहन चंपिया, नरेंद्र चातोब्बा, शारदा तिरिया, शंकर तिरिया, भुनेश्वर गोप, सुरेश रकैत, पानी लागुरी, बामिया सुरेन, अजय शांडिल, बैथनाथ लागुरी, राइमुनी सिरका, बेन सिंह बोयपाई, सुंदर लाल चातो, लक्ष्मी नारायण पूर्ति, माहती मुंडा, पतार बोयपाई, रोया पूर्ति सहित अन्य प्रमुख हैं.

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