रांची : लीज आवंटन मामले में झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सीएम हेमंत सोरेन ने
सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की है.
हाई कोर्ट ने तीन जून को उक्त मामलों की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका को सुनवाई योग्य माना था.
इसके खिलाफ राज्य सरकार पहले ही सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल कर चुकी है.
अब हेमंत सोरेन ने भी हाई कोर्ट के आदेश खिलाफ याचिका दाखिल की है.
बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबियों द्वारा शेल कंपनी में
निवेश के मामले में सुप्रीम कोर्ट में 17 जून को सुनवाई हुई थी.
सुनवाई के दौरान सीएम हेमंत सोरेन की ओर से वरीय अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने समय की मांग की.
जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया और मामले की अगली सुनवाई ग्रीष्मावकाश के बाद रखा गया है.
इस मामले में प्रार्थी शिव शंकर शर्मा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की गई है.
हाईकोर्ट में 23 जून को होगी सुनवाई
इधर झारखंड हाईकोर्ट में भी इस मामले में सुनवाई 17 जून को हुई थी. अदालत में राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल और महाधिवक्ता राजीव रंजन कोरोना से संक्रमित थे. इसलिए मामले की सुनवाई टाल दी जाए, जिस पर अदालत ने इस मामले की सुनवाई 23 जून को निर्धारित की है. उस दौरान ईडी के अधिवक्ता ने कहा कि सरकार बार-बार समय ले लेती है इसलिए उनका आना संभव नहीं है. ताकि उनको भी आने में काफी दिक्कते होती है. तब अदालत ने कहा अगली सुनवाई वर्चुअल मोड में होगी.
मेरिट पर सुनवाई
वहीं ईडी ने कोर्ट में बताया कि उसके यह मामला में सबूतों के साथ छेड़ छाड़ और मिटाने की कोशिश हो सकती है. पार्टी की ओर से पक्ष रख रहे राजीव कुमार ने बताया कि मधुकोड़ा केस में कई अभियुक्त फरार है और विदेश में बैठे हुए है जो कि सबूत मिटाने और छेड़छाड़ की ओर इशारा करता है.
बता दें कि प्रार्थी शिवशंकर शर्मा की दोनों याचिकाओं को वैध मानते हुए हाईकोर्ट ने मेरिट पर सुनवाई शुरू की है, जबकि हाईकोर्ट में याचिकाओं के वैध करार दिए जाने के खिलाफ सरकार की ओर से दायर एसएलपी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई
रिपोर्ट: प्रोजेश दास