लिफाफे का रहस्य रहा झारखण्ड का सबसे बड़ा सस्पेंस

सियासी खलबली मचाता रहा वह ‘लिफाफा’!

RANCHI: लिफाफे का रहस्य – साल 2022 में झारखंड की सियासत, नेशनल मीडिया की सुर्खियों में भी छायी

रही वजह बड़ी थी आखिर बड़े रहस्य से जो जुड़ी थी. ऐसा चिपका कि चुनाव आयोग का वह लिफाफा अबतक नहीं खुला,

लिफाफे के मजमून पर सस्पेंस ऐसा बना,जो अबतक बना है हां , इस दौरान झारखंड के सियासी शो में

सस्पेंस के साथ थ्रिलर और एक्शन का भी सीन रहा,दरअसल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट

के मामले में चुनाव आयोग की रिपोर्ट बंद लिफाफे में अगस्त महीने में डाक से राज्यपाल रमेश बैस के पास पहुंची ,

बीजेपी की शिकायत पर चुनाव आयोग ने अपना मंतव्य भेजा. मुख्यमंत्री की विधायिकी रहेगी या जायेगी?

ये सवाल शायद झारखंड की राजनीति का सबसे बडा सवाल बन गया.


लिफाफे का रहस्य – जो बेपरदा हो जाए वो आखिर सस्पेंस ही कैसा ?


सत्ता पक्ष हो या विपक्ष सबकी निगाहें राजभवन की ओर टिकी रही.

लेकिन जो बेपरदा हो जाए वो आखिर सस्पेंस ही कैसा ?

राज्यपाल के फैसले का इंतजार और लिफाफे पर उनका मौन बेसब्री बढ़ाती रहा. इसी बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

का यूपीए खेमे के विधायकों के साथ कभी खूंटी तो कभी लतरातू डैम तो कभी रायपुर दौरा

सियासी खलबली मचाता रहा. झारखंड की राजनीति किस करवट बैठेगी.

अपने अपने सियासी चश्मों से अटकलों को हवा भी खूब मिलती रही.

और इन्हीं सियासी हवाओं के बीच विशेष सत्र में सीएम हेमंत सोरेन

ने सदन में विश्वासमत का प्रस्ताव रखकर सबको चौंका दिया.

सदन में बहुमत हासिल करने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई.

राजनीतिक अस्थिरता के जिस डर से झारखंड डर रहा था

वो डर भले कुछ महीनों के लिए टल गया ..लेकिन जिस तरह बारामुडा ट्राइंगल का रहस्य आज तक अनसुलझा है .

लिफाफे का सस्पेंस भी अबतक खुल नहीं पाया.

रिपोर्ट: मीनाक्षी

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