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Saturday, April 20, 2024

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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा बरबेंदिया पुल, आखिर किन कारणों से नहीं हो सका पूल का पूर्णिर्माण

धनबाद:कोयलांचल धनबाद के निरसा और जामताड़ा को जोड़ने वाली महत्वकाँक्षी बरबेंदिया पुल आखिर किसकी कमिशनखोरी की भेंट चढ़ी अफसर या जनप्रतिनिधियों की. अब तक ये बात समझ से परे है कि आखिर 55 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली यह पुल पहली बारिश में ही नदी के पेट मे कैसे समा गई.

जामताड़ा जिला और धनबाद जिला को जोड़ने के उद्देश्य से बराकर नदी पर वर्ष 2007-2008 में करीब साढ़े तीन किलोमीटर लंबे पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था, जिसकी प्राक्कलन राशी 55 करोड़ रुपये की थी. निर्माण के दौरान भारी बारिश के चलते वर्ष 2008 में पुल के चार पिलर ढह गई. तब पुल बनाने वाली कंपनी डालमिया एंड ग्रुप को सरकार ने ब्लैक लिस्ट कर दिया,इधर अधूरे पुल के पुनर्निर्माण को लेकर कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों और जनता द्वारा आंदोलन भी हुआ , मौजूदा बीजेपी निरसा विधानसभा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने कई बार विधानसभा सत्र के दौरान आवाज भी उठाई पर आज तक सरकार से सिर्फ आश्वासन ही मिला .

इधर बरबेंदिया पुल पर राजनीति खूब हो रही है. जामताड़ा के कांग्रेस विधायक डॉ. इरफान अंसारी और निरसा के भाजपा विधायक अपर्णा सेन गुप्ता एक दूसरे के खिलाफ आरोप और प्रत्यारोप लगा रहें है. अब जानिए बरबेंदिया का असली गुनहगार कौन? किसने खाया इंजिनियर ठेकेदार से कमीशन. जामताड़ा विधायक डॉक्टर इरफान ने निरसा के भाजपा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता पर सीधा हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि बरबेंदिया पुल कमीशन खोरी की वजह से टूटी.

इरफान के अनुसार पुल का पिल्लर टूटने के समय तत्कालीन निरसा विधायक अपर्णा सेन गुप्ता सरकार में मंत्री थी.उनके कार्यकाल में इसका काम चल रहा था, अपर्णा सेनगुप्ता की अत्यधिक कमीशन खोरी की वजह से पुल की गुणवत्ता सही नहीं बन पाई नतीजा सबके सामने है.  इरफ़ान अंसारी आरोप पर पलटवार करते हुए निरसा भाजपा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने कहा कि जिसके गाड़ी में बोरे में भर भर का कमीशन खोरी का पैसा बरामद किया गया हो ,वो भला दूसरे पर आरोप लगाएं और आदर्श शुचिता का पढ़ाएं हैं यह बात हास्यास्पद लगता है.यह बात किसी को हजम नहीं होगा. अपर्णा ने चुनौती देते हुए यह भी कहा कि मौजूदा समय में गठबंधन की सरकार है इस बात का जांच कराकर सामने लाएं कि किसने कितना कमीशन खोरी की है और किस ऑफिसर ने किसको कितना कमीशन दिया.

अपर्णा सनेन्गुप्ता ने मामले पर कहा कि सच तो ये है कि आम लोगों के सपनों का पुल कहे जाने वाला बरबेंदिया पुल पहली बारिश में कैसे ढह गई जिसकी हकीकत आज भी लोगों को पता नहीं है. कोई कहता है अफसरों और नेताओं की कमीशनखोरी की वजह से बारबिंदिया पूल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई , तो कोई कहता है ठेकेदार की मुनाफाखोरी के वजह से पुल निर्माण पूरा होने से पहले पुल के पिल्लर धंस गए. निरसा मासस के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि गुणवत्ता के अनुरूप कार्य नहीं होने के कारण एवं जबरदस्त घोटाला के कारण पहली बारिश भी बराबिंदिया पुल झेल नहीं पाई और पानी में समा गई उन्होंने यह भी कहा कि मैंने इस मुद्दे को विधानसभा में आवाज उठाई और नए सिरे से पुल निर्माण की बात कही परंतु तत्कालीन रघुवर सरकार ने कुछ नहीं सुनी अगर यह पुल बन जाती तो छोटी बड़ी गाड़ियों के साथ-साथ एमपीएल में चलने वाली गाड़ियों को भी लंबी दूरी तय नहीं करना पड़ता और आए दिन जो निरसा में सड़क दुर्घटनाए घट रही है उस पर भी अंकुश लग जाता परंतु 14 साल बीत जाने के बाद भी दोनों विधानसभा के जनता को इस पुल के लिए इंतजार करना पड़ रहा है.

 अरूप चटर्जी,पूर्व विधायक ने कहा कि एक सच्चाई यह भी है कि बरबेंदिया पुल निर्माण के दौरान गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया.80 फीट डीप खुदाई का पिलर निर्माण की जगह महज 35 फीट की ही खुदाई की गई है एवं नेताओं अफसरों को रिश्वत के रूप में कमीशन देने के लिए जमकर घटिया सामग्री इस्तेमाल हुआ.नतीजा ये कि पुल की चार पिलर पहली बारिश नहीं झेल पाई,जनता के अरमान आंसुओं में बह गए.पुल टूटने की जांच जारी है. कि संवेदक और इंजीनियर पर नाम मात्र की कार्रवाई की महज खानापूर्ति हुई पुल निर्माण कार्य में लगे डालमिया एंड ग्रुप को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया और तत्कालीन कार्यपालक अभियंता और छोटे कर्मियों पर गाज गिरी,कुछ दिन बाद सब ठीक हो गए,मजे में नौकरी कर रहें है.

भीषण कमीशन खोरी में शामिल अफ़सर साफ-साफ बच गए.अब तक पुल के अभाव में बीते 24 फरबरी 2022 को नाव हादसे में 14 लोगो की जान जा चुकी है.जनता की बात जनता से ही सुनिए कि आखिर किस कारण से बीच मजधार में लटक रहा है बारबिंदिया पूल बाइट. स्थानीय अगर पुल तय समय पर बन जाता तो झारखंड के 8 जिले सीधे तौर पर एक दूसरे से जुड़ जाते हैं निरसा से जामताड़ा की दूरी 40 किलोमीटर से घटकर महज 25 किलोमीटर रह जाती इसके अलावा कोयलांचल धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, दुमका गोड्डा, संथाल परगना के जामताड़ा से सीधे जुड़ जाते है जिससे रोजगार भी बढ़ता ,विशेषकर निरसा जामताड़ा क्षेत्र का और विकास होता. याद कीजिए 24 फरवरी 2022 का वो नाव हादसा जिसमें 14 लोगों की डूबने से जान चली गई.

उसके बाद भी नहीं जागी सरकार. 24 फरबरी 2022 को भयंकर बारिश एवं आंधी में बारबिंदिया स्थित बराकर नदी में एक नाव हादसा हुई, कुछ लोग किसी तरह तैरकर बाहर निकले ,तो कुछ लोगो को आसपास के लोगो ने बचाया.शाम के समय हादसा होने के कारण बच्चे, महिला एवं पुरुष कुल मिलाकर 14 लोगो की जाने चली गई थी इसके बावजूद भी धनबाद और जामताड़ा के प्रशासन ने सबक नहीं लिया है. वर्तमान में बराबिंदिया पुल को पार करने के लिए ग्रामीणों द्वारा बास से बने चचरी बनाकर रास्ता बनाये गया हैं जिसमे लोग बड़े ही आसानी से पैदल या मोटरसायकल के जरिए जामताड़ा से निरसा और निरसा से जामताड़ा बड़े ही आसानी से आवागम कर रहे हैं लेकिन याता यात की सुविधा महज गर्मी तक हैं जब तक नदी में पानी नही हैं तब तक अन्यथा दोनों विधानसभा के लोग नाव के जरिए ही जान हथेली में लेकर नदी पार करने को विवश रहते हैं.

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