जोहार नहीं अब खतियानी जोहार बोलिये-पूर्व विधायक अमित महतो

कुड़माली को शामिल करने की मांग

Jamtara-झारखंड में अब जोहार नहीं खतियानी जोहार चलेगा -झामुमो के पूर्व विधायक अमित महतो ने आदिवासीमूलवासियों को आह्वान करते हुए कहा कि अब एक दूसरे का अभिवादन जोहार बोल कर नहीं बल्कि खतियानी जोहर बोल कर करें.

जामताड़ा के गांधी  मैदान में झारखंडी भाषा की लड़ाई लड़ रहे हजारों कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुएअमित महतो ने कहा कि बाहरी लोग भी राजी खुशी जोहार शब्द का इस्तेमाल कर लेते हैं, इसीलिए अब हमें इस शब्द के बदले खतियानी जोहार शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए, जिससे की यह साफ हो जाय कि मेरे सामने वाला खतियानी है या हमें चकमा दे रहा है.

झारखंड के अस्तित्व को मिटाने पर तुले हैं हेमंत

इस मौके पर अमित महतो ने हेमंत सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि जिस झारखंड के निर्माण के लिए दिशम गुरु शिबू सोरेन  ने अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया, अपनी पूरी जवानी जंगल खाक छानते बिता दी, आज  हेमंत सोरेन उसी झारखंड के अस्तित्व को मिटाने पर तुले हुए हैं.

एक साजिश के तहत भाजपा ने पूरे लागू किया मगही-भोजपुरी

अमित महतो ने कहा कि एक साजिश के तहत पूर्व की भाजपा और आजसू की सरकार ने झारखंड के हर जिले में मगही और भोजपुरी को लागू किया, ताकि हम अपनी भाषा और संस्कृति को भूल जाय, अब हेमंत सोरेन की सरकार एक कदम और आगे जाकर झारखंड के अस्तित्व को ही मिटाने पर तुली हुई है.

बता दें कि धनबाद बोकारो में मगही भोजपुरी को स्थानीय भाषा की श्रेणी में रखे जाने का व्यापक विरोध हो रहा था, इन भाषाओं के खिलाफ आक्रोशित लोगों ने मुख्यमंत्री सहित कई मंत्रियों का पुतला भी फुंका था.

रिपोर्ट- उज्जवल

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