‘महाराज’ का आत्मसमर्पण, जानिए कैसे नक्सलियों के दस्ते में हुआ था शामिल

रांची : झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर 10 लाख का इनामी नक्सली महाराज प्रमाणिक ने आत्मसमर्पण कर दिया है. महाराज अपने साथ एके 47, 150 कारतूस और 2 वायरलेस सेट के साथ आज झारखंड पुलिस के समक्ष औपचारिक रूप से आत्मसमर्पण कर दिया है.

119 वारदातों में वांक्षित और दक्षिणी छोटानागपुर जोनल कमेटी का कमांडर महाराज प्रमाणिक ने शुक्रवार को झारखण्ड पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया. महाराज प्रमाणिक ने आईजी अभियान अमोल विणुकान्त होमकर, आईजी रांची पंकज कंबोज सहित अन्य वरीय अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण क़िया है.

नक्सली दस्ते में शामिल महिलाओं का होता है शोषण- महाराज प्रमाणिक

आत्मसमर्पण के बाद नक्सली महाराज प्रमाणिक ने कहा कि नक्सली बहला फुसला कर युवाओं को नक्सली दस्ते में शामिल करते है और वो भी झूठे सब्जबाग के चलते ही नक्सलियों के दस्ते में शामिल हुआ था. उन्होंने कहा कि वर्तमान में नक्सली अपनी मूल धारणा को भूल चुके हैं. उन्होंने बताया कि नक्सली दस्ते में शामिल महिलाओं का शोषण किया जाता है. संगठन के पैसे लेकर भागने के आरोप को गलत बताया, साथ ही कहा कि महिलाओं का संगठन में शोषण होता है.

महाराज के आत्मसमर्पण से मांझी दस्ते को लगा बड़ा झटका- आईजी अभियान

महाराज प्रमाणिक के आत्मसमर्पण के दौरान आईजी अभियान अमोल विणुकान्त होमकर ने कहा कि ये सरेंडर पतिराम मांझी के दस्ते के लिए बड़ा झटका है. जिसकी गवाही महाराज पर 119 कांड विभिन्न थानों में दर्ज मामले देते हैं. उन्होंने बताया कि महाराज ने कई इनपुट दिए हैं, जिसपर पुलिस काम कर रही है. जल्द ही और सफलता भी हाथ लगेगी. उन्होंने सरकार के आत्मसमर्पण नीति में हुए बदलाव को बेहतर कदम बताया. जिसमें सरेंडर के बाद नक्सलियों को ओपन जेल में रखने का प्रावधान है. यही कारण है कि नक्सली आत्मसमर्पण को आगे आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि नक्सली या तो आत्मसमर्पण करें या फिर सख्त कार्रवाई को तैयार रहें.

लंबे वक्त से पुलिस के संपर्क में था महाराज

जानकारी के अनुसार लंबे वक्त से ही महाराज प्रमाणिक पुलिस के संपर्क में था. यही वजह है कि भाकपा माओवादियों ने भी महाराज प्रमाणिक को संगठन का गद्दार घोषित कर जनअदालत में सजा देने की बात कही थी. माओवादियों के प्रवक्ता अशोक ने प्रेस बयान जारी कर कहा था कि जुलाई 2021 के पूर्व तीन बार इलाज का बहाना बनाकर महाराज संगठन से बाहर आया था. इस दौरान वह पुलिस के संपर्क में आ गया था. जिसकी जानकारी संगठन के पास थी, जिस कारण वो 14 अगस्त को संगठन छोड़कर भाग गया. संगठन से भागने के साथ ही वह संगठन के 40 लाख, एक एके 47 हथियार, 150 से अधिक गोलियां व पिस्टल लेकर फरार हुआ.

रिपोर्ट : मदन सिंह

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