झारखंड की मंईया योजना में नई मंईयों को अभी लाभ नहीं मिलेगा, 18 नवंबर से आवेदन शुरू होंगे, अपात्र लाभुकों की छंटनी जारी है।
Maiyaan Yojana Jharkhand रांची: झारखंड की महत्वाकांक्षी Maiyaan Yojana में नई लाभुक महिलाओं को फिलहाल शामिल नहीं किया जाएगा। हालांकि, सरकार ने तय किया है कि आगामी 18 नवंबर से शुरू हो रहे “आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार” कार्यक्रम में 18 वर्ष पूरी कर चुकी लड़कियों से आवेदन अवश्य लिए जाएंगे।
Maiyaan Yojana Jharkhand
समाज कल्याण विभाग के अनुसार, नई लाभुकों को सूची में जोड़ने की प्रक्रिया अभी संभव नहीं है, क्योंकि अपात्र लाभुकों की पहचान और छंटनी का कार्य अधूरा है। पूर्व में इस योजना के तहत 56 लाख से अधिक महिलाओं को लाभुक सूची में शामिल किया गया था, लेकिन करीब 5 लाख लाभुक अपात्र पाई गईं, जिनकी राशि रोक दी गई है।
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वर्तमान में करीब 51 लाख पात्र महिलाओं को हर माह ₹2500 की आर्थिक सहायता दी जा रही है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, अक्टूबर तक की राशि सभी जिलों को भेज दी गई थी, जबकि कुछ जिलों ने नवंबर माह के भुगतान के लिए अतिरिक्त धनराशि की मांग की थी। इसके लिए सरकार ने 300 करोड़ रुपये का आवंटन कर दिया है।
Key Highlights:
झारखंड सरकार की Maiyaan Yojana के तहत नई लाभुकों को अभी शामिल नहीं किया जाएगा।
18 नवंबर से Aapki Sarkar, Aapke Dwar अभियान में आवेदन लिए जाएंगे।
अब तक 56 लाख महिलाओं को योजना से जोड़ा गया था, 5 लाख अपात्र पाई गईं।
करीब 51 लाख लाभुकों को हर महीने ₹2500 की सहायता राशि दी जा रही है।
नवंबर माह की राशि के लिए 300 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
अपात्र लाभुकों की छंटनी पूरी होने के बाद ही नई सूची जारी होगी।
इसके साथ ही, समाज कल्याण विभाग ने अनुपूरक बजट में भी अतिरिक्त राशि की मांग करने की तैयारी शुरू कर दी है। इस राशि का उपयोग लंबित भुगतान और भविष्य में नई मंईयों को शामिल करने के लिए किया जाएगा।
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अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि नई मंईयों को शामिल करने की प्रक्रिया तभी शुरू होगी, जब अपात्र लाभुकों की छंटनी पूरी हो जाएगी। तब तक केवल आवेदन लिए जाएंगे, ताकि भविष्य में पात्रता तय होने पर उन्हें योजना का लाभ दिया जा सके।
सरकार का कहना है कि मंईया योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, और इस योजना के तहत पात्र हर महिला को नियमित रूप से सहायता राशि मिलती रहे, इसके लिए पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
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