Desk. विपक्ष के विरोध के बीच लोकसभा से बुधवार को ‘ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025’ को पास हो गया है। यह विधेयक भारत में ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर को एक स्पष्ट कानूनी ढांचा देने और संगठित तरीके से रेगुलेट करने का प्रयास है।
चार सेगमेंट के लिए बनेगी सेंट्रल रेगुलेटरी बॉडी
बिल में प्रस्ताव है कि एक सेंट्रल रेगुलेटरी बॉडी गठित की जाएगी, जो चार प्रमुख गेमिंग कैटेगरी ई-स्पोर्ट्स, एजुकेशनल गेम्स, सोशल गेमिंग और रियल मनी गेमिंग पर नजर रखेगी। इनमें सबसे अधिक विवाद और असर रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स, जैसे- पोकर, रमी, फैंटेसी स्पोर्ट्स (Dream11, My11Circle) आदि पर पड़ने वाला है।
रियल मनी गेमिंग पर रोक और सख्त दंड
बिल के ‘Prohibition Clause’ के अनुसार, “कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन मनी गेम या मनी गेमिंग सर्विस ऑफर, बढ़ावा, मदद या उसमें शामिल नहीं हो सकता है।” बैंक और फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन इन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स के लिए ट्रांजैक्शन प्रोसेस नहीं कर पाएंगे। जो कंपनियां यह सर्विस ऑफर करती पाई गईं, उसे 3 साल तक की जेल या 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना और ऐसे प्लेटफॉर्म्स का विज्ञापन करने वालों के लिए 2 साल की जेल या 50 लाख रुपये तक का फाइन होगा।
क्रिकेट और फैंटेसी स्पोर्ट्स इंडस्ट्री पर असर
इस कानून का सबसे बड़ा असर क्रिकेट इंडस्ट्री पर पड़ सकता है, जहां फैंटेसी गेमिंग स्पॉन्सरशिप का बड़ा रोल है। Dream11, जो टीम इंडिया का स्पॉन्सर है, सालाना 358 करोड़ रुपये का सौदा करता है। My11Circle के पास IPL Fantasy Rights हैं, जिसकी वैल्यू 625 करोड़ रुपये है (5 साल के लिए)। कई क्रिकेटर्स के पर्सनल एंडोर्समेंट डील्स भी इन कंपनियों से जुड़े हुए हैं।
ई-स्पोर्ट्स सेक्टर के लिए अच्छी खबर
जहां रियल मनी गेमिंग सेक्टर में चिंता है, वहीं E-sports इंडस्ट्री इस विधेयक को एक सकारात्मक पहल के रूप में देख रही है। 2027 ओलंपिक डेब्यू की संभावनाओं के बीच, भारत में ई-स्पोर्ट्स को अब लीगल मान्यता मिलने की राह साफ हो सकती है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह बिल ई-स्पोर्ट्स के लिए गवर्नेंस, फंडिंग और इनोवेशन के रास्ते खोल सकता है।
Highlights
