पटना सिटी : बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने फूड एंड ड्रग लैबोरेटरी अगमकुआं पटना में माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशाला एवं उच्चस्तरीय उपकरण अनुभाग का उद्घाटन किया। इस खास मौके पर पटना की महापौर सीता साहू, विभाग ते सचिव संजय सिंह एवं FSSAI भारत सरकार के निदेशक डॉ. अजय प्रकाश गुप्ता के साथ कर संबोधित किया।
अगमकुआं स्थित राज्य का इकलौता खाद्य एवं औषधि जांच प्रयोगशाला में जल्द ही खाद्य एवं पेय पदार्थ में मिलावट तथा फंगस की जांच शुरू होगी। इसके लिए साढ़े तीन करोड़ रुपए की लागत से भारतीय खाद्य सुरक्षा व मानक प्राधिकरण द्वारा इस प्रयोगशाला को विकसित किया गया है। यहां लगभग 23 प्रकार की जांच मशीन लगाई गई है। जिससे किसी भी तरह की बैक्टीरियल व फंगस की जांच होगी। इस प्रयोगशाला में माइक्रोबायोलाॅजी लैब सेटअप की गई है। लैब में माइक्रो बोयालॉजिस्ट, खाद्य विश्लेषक और टेक्नीशियन की प्रतिनियुक्ति भी हो चुकी है। साथ ही आवश्यक रासायनिक पदार्थ भी उपलब्ध हो चुका है। अत्याधुनिक यंत्रों से लैस इस प्रयोगशाला में उदघाटन के बाद जांच शुरू हो जाएगी।
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स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने बताया कि एंटीबायोटिक के लिए अलग मशीन लगाई गयी है। पिछले माह के अंतिम सप्ताह में इसका ट्रायल भी हो चुका है। उस दौरान गुड़ की जांच की गयी थी, जिसमें फंगस पाया गया था जो न तो मनुष्य या पशु के खाने लायक था। जिलों में कार्यरत फूड सेफ्टी ऑफिसर्स द्वारा इस लैब में भेजे जानेवाले खाद्य सामग्रियों में पके हुए भोजन, अनाज, मीट, मछली, अंडा, तेल, वनस्पति, पानी, दूध, दूध से बनी सामग्री, सब्जी, मसाला, पान मसाला, फल, पेय पदार्थ आदि में बैक्टीरियल व फंगस की जांच होगी। इसके अलावा एंटीबायोटिक, विटामिन और कीटाणु आदि की भी जांच होगी। इसकी तैयारी कर ली गई है। खाद्य व औषधि प्रयोगशाला में नमूनों की जांच रिपोर्ट का कानूनी महत्व तभी मान्य होगा जब लैब को राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यापन बोर्ड (NABL) की मान्यता होगी। फिलहाल लैब को 27 जून 2026 तक के लिए एनएबीएल मान्यता प्राप्त है।
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उमेश चौबे की रिपोर्ट