डिजीटल डेस्क : MP Maneka गांधी भले ही लंबे समय से भाजपा में है और इस बार के लोकसभा चुनाव में फिर से उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर सीट से चुनाव मैदान में हैं लेकिन वह Wining Election Strategy on Caste-Religious Base वाली राजनीति से अपनी सख्त नफरत वाले स्वभाव को भी नहीं छुपातीं। वह सियासत में सत्ता के लिए जाति और धर्म के नाम पर ध्रुवीकरण को उचित नहीं मानतीं। वह इस पर खुलकर टिप्पणी करती हैं। मेनका गांधी इसे सख्त नापसंद करती हैं। Maneka आगे कहती हैं कि केवल इसलिए किसी को टिकट नहीं देना चाहिए कि वह जाति के नाम पर कुछ वोट बटोर लेगा। ऐसा ठीक नहीं है। अपने दीर्घ संसदीय जीवन में वे काम पर यकीन करती आई हैं। वह कहती हैं कि सांसद का चुनाव उसके काम पर होना चाहिए।
Maneka गांधी बोलीं – सांसद का चुनाव उसके काम पर हो, जाति या कौम पर नहीं
वरिष्ठ भाजपा नेत्री Maneka गांधी ने एक समाचार पत्र को चुनावी मौसम में दिए साक्षात्कार में कहा कि सांसद का चुनाव उसके काम पर होना चाहिए और जाति या कौम के आधार पर माहौल ही नहीं बनना चाहिए। जनता चाहती है कि काम करने वालों के बीच मुकाबला हो जबकि आज राजनीतिक दल और रणनीतिकार चुनावी मुकाबला जातियों का बना देते हैं और इस दरार को बड़ा बनाकर अपना हित साधते हैं। जाति और कौम के आधार पर माहौल बनेगा तो लोग फंस ही जाएंगे। भाजपा नेत्री Maneka जारी लोकसभा चुनाव में नेताओं के एक-दूसरे पर वार करने में शब्दों की मर्यादा लांघने को भी सही नहीं मानतीं।

Maneka की दो टूक – जाति-कौम के आधार पर न बने माहौल
इसी मसले पर इस दिए गए साक्षात्कार में वरिष्ठ भाजपा नेत्री Maneka गांधी आगे कहती हैं कि जब सभी पार्टियां जाति के आधार पर टिकट देती हैं तो जनता के सामने च्वायस ही नहीं बचता। अब हर कोई नोटा पर वोट तो नहीं दे सकता। Maneka गांधी अपना निजी अनुभव साझा करते हुए बताती हैं कि जनता काम करने वाले को ही पसंद करती है, लेकिन उसे काम करने वाले का विकल्प तो मिले। जनता चाहती है कि काम करने वालों के बीच मुकाबला हो लेकिन हम (राजनीतिक दल) मुकाबला जातियों का बना देते हैं और इस दरार को बड़ा बना देते हैं। यह माहौल नहीं बनना चाहिए, जाति और कौम के आधार पर।

Maneka का दावा – भाजपा की जीत तय क्योंकि विपक्ष के पास रणनीति ही नहीं
इसी साक्षात्कार में मौजूदा चुनावी मौसम में सत्ता की सियासत पर Maneka गांधी बेखटके तुरंत बोल पड़ती हैं कि भाजपा की जीत तय है और वही जीतेगी। वजह भी साफ है। विपक्ष के पास कोई रणनीति नहीं है। विपक्ष को पांच साल आपस में बैठकर रणनीति बनानी चाहिए थी और चुनावी मुद्दे तय करने चाहिए थे। विपक्ष वाले दुनिया भर के मुद्दे बना सकते थे लेकिन समय रहते उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया। उनके पास न तो ठोस रणनीति है, ना ही मुद्दे और ना ही भाषण की तैयारी। Maneka गांधी इसी क्रम में यहीं नहीं रुकतीं। वह विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहती हैं कि चुनाव के समय में भी विपक्ष में लोग आ-जा रहे हैं। यदि विपक्ष के पास मजबूत रणनीति नहीं है तो भाजपा ही आगे निकलेगी, इसमें कोई दो राय नहीं।