NEW DELHI: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए अपनी सरकार के नौ साल की उपलब्धियों को गिनाया. उन्होंने अपने अभिभाषण में कांग्रेस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाये. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी स्थायी समाधान की ओर ध्यान नहीं दिया. उनकी प्राथमिकताओं में कभी भी स्थायी समाधान नहीं था. कहा कि हमारी सरकार ने सबसे पहले लोगों की समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए काम किया. एक एक विषय को छूकर स्थयी समाधान की ओर आगे बढ़े.

समस्याओं को कैसे पाला जाता है वो जनता ने देखा हैः पीएम
प्रधानमंत्री ने यूपीए सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहले एक हैंडपंप लग जाता था तो सप्ताह भर तक उत्सव मनाया जाता था. जनता ने देखा है समस्या को कैसे पाला जाता है. पानी की समस्या पर पिछली सरकार ने कोई ध्यान नहंी दिया. पीएम ने बताया कि उनकी सरकार ने पानी की समस्या के स्थायी समाधान के लिए काम किया. जल संरक्षण, जल संचयन के साथ नल से जल उपलब्ध कराने का काम किया. उन्होंने बताया कि आज 11 करोड़ घरों को नल से जल मिल रहा है.
मोदी बोले गरीबों को सशक्त बनाने का काम किया
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले देश की आधी से अधिक आबादी ने बैंक का मुंह नहीं देखा था. अब 48 करोड़ जन धन खाता खोलकर गरीबों को ताकत देने का काम एनडीए की सरकार ने किया है. जिसमें 32 करोड़ ग्रामीण और कस्बों के लोगों का खाता खुला. उन्होंने इस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे को भी बताते हुए कहा कि सिर्फ कनर्ज्ञटक में ही 1 करोड़ 70 लाख जन-धन खाते खुले हैं. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि अगर एनडीए सरकार के काम के कारण कांग्रेस का खाता बंद हो जाता है तो उनकी पीड़ा समझ सकते हैं. उन्होंने कहा कि जनता कांग्रेस को नकार रही है और वो सदन में इसका रोना रोते हैं.
समाज के वंचित वर्ग को आगे बढ़ाने का काम किया है : PM
प्रधानमंत्री ने कहा कि NDA सरकार ने वंचितों की चिंता करने काम किया है.
समाज के इन वर्गों की मजबूती के लिए काम किया है. हमने इन लोगों को
सामर्थ्यवान बनाने का काम किया है. समाज के उच्च वर्ग के लोगों
को खुश करना और उन्हीं से अपनी सरकार चलाना इनका कल्चर रहा.
छोटे किसान हमेशा उपेक्षित रहे. छोटे किसान को बेंकिंग से जोड़ा ,
पशुपालकों , मछुआरों को भी बैंकों से जोड़ा. उनके आर्थिक विकास
की दिशा में काम किया. हमारे देश के बहुत से किसान ऐसे हैं
जिन्हें बरसात के पानी पर निर्भर रहना पड़ता है.
मोटे अनाज की खेती करते हैं उनहें पानी नहीं मिलता है.
यूएन को लिखा मिलेट इयर मनाइये. छोटे किसान जो इसकी पैदावार करते हैं उन्हें उनका हक मिले. नई पीढ़ी के पोषण का काम मिले और किसानों को भी इसका लाभ मिले इसका प्रयास किया है.