नोटबंदी की नौवीं वर्षगांठ पर कांग्रेस सांसद ने लिखा सोशल मीडिया पोस्ट, बोले – देश अब भी नहीं उबरा उस ‘तुगलक़ी फैसले’ के झटके से
22Scope News Desk : आज (8 नवंबर) को नोटबंदी जैसे विनाशकारी और तुगलक़ी फैसले की नौवीं वर्षगांठ है। 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने का ऐलान किया था। उस फैसले के बाद पूरे देश में अफरा-तफरी मच गई थी। लाखों लोग बैंकों और एटीएम की लंबी कतारों में खड़े नजर आए थे। कांग्रेस के कर्नाटक से राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर करते इस फैसले को लेकर मोदी सरकार पर हमला किया है।

करोड़ों भारतीयों की आजीविका पर पड़ा असर
नोटबंदी के बाद देश के करोड़ों छोटे व्यापारियों, मजदूरों, किसानों और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की आजीविका बर्बाद हो गई। लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र को भी गहरा झटका लगा। कई छोटे उद्योग बंद हो गए, जिससे रोजगार पर गंभीर असर पड़ा।

काले धन और जाली नोटों में नहीं आई कमी
सरकार ने नोटबंदी का उद्देश्य काले धन, जाली नोट और आतंकवादी फंडिंग पर रोक बताई थी, लेकिन आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, बंद किए गए लगभग सभी पुराने नोट बैंकों में वापस आ गए। इससे साफ हो गया कि काले धन पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा।
2000 रुपये के नोट की कहानी
नोटबंदी के बाद सरकार ने 2000 रुपये का नया नोट जारी किया था, जिसे अब वापस ले लिया गया है। इससे यह सवाल फिर उठ रहा है कि क्या नोटबंदी का असली मकसद कभी पूरा हुआ?

अर्थव्यवस्था को धीमा कर गया फैसला
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि नोटबंदी के झटके से भारतीय अर्थव्यवस्था की गति धीमी पड़ गई, और देश अब तक पूरी तरह से उस असर से नहीं उबर सका है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था और नकद आधारित कारोबार आज भी उस दर्द को महसूस कर रहे हैं।

कांग्रेस सांसद ने नोटबंदी को लेकर ट्वीट किया
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश में सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुये इस फैसले को गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिये विनाशकारी बताते हुये मोदी सरकार पर हमला किया है।
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