Patna– आरजेडी, कांग्रेस और वामदलों का समर्थन पत्र मिलते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान को अपना इस्तीफा सौंप दिया. इसके साथ ही नीतीश कुमार ने नयी सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया. नीतीश कुमार के पास जदयू का 45, कांग्रेस का 19, राजद का 79, हम और वामदलों के 17 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. इस प्रकार बिहार में एनडीए की सरकार का जाना तय हो गया.
एनडीए छोड़ना पार्टी का फैसला
राज्यपाल भवन से बाहर आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सीधे राबड़ी आवास की ओर निकल पड़े. इस बीच मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमने एनडीए छोड़ दिया है. यह पार्टी का फैसला था, हमने एनडीए के सीएम पद से इस्तीफा दिया है.
इस बीच तेजस्वी यादव ने कहा है कि हमने बगैर किसी शर्त नीतीश कुमार को समर्थन देने का फैसला किया है, अब हम जनता के मुद्दों के आगे बढ़ाएंगे, और यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी.
बिहार की जनता के साथ हुई है धोखाधड़ी- भाजपा
नीतीश के द्वारा पाला बदल कर सरकार बनाने की कवायद को बिहार की जनता के साथ धोखा बतलाया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा है कि हमने जनता के विश्वास के बुते ही 75 सीट हासिल किया है. चुनाव में जनमत भाजपा जदयू गठबंधन के पक्ष में मिला था, भाजपा को छोड़ कर अब राजद के साथ सरकार बनाने की कोशिश बिहार की जनता के साथ ही भाजपा के साथ धोखाधड़ी है.
सर्वसम्मत राय से महागठबंधन के नेता चुने गये नीतीश कुमार
राज्यपाल से मिलने के बाद राबड़ी आवास पहुंचे नीतीश कुमार को सर्वसम्मत राय से महागठबंधन का नेता चुन लिया गया. महागठबंधन के सभी विधायकों ने एक स्वर से नीतीश कुमार को अपना नेता चुन लिया. इसके बाद कुल 164 विधायकों का समर्थन पत्र के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्यपाल फागू चौहान से मिलने के लिए एक बार फिर से निकल पड़े. नीतीश कुमार राज्यपाल से मिलकर पर नयी सरकार बनाने का अपना दावा पेश करेंगे. राबड़ी आवास से नीतीश कुमार के साथ तेजस्वी यादव, ललन सिंह भी साथ रहें.