भंडारीदह के दामोदर तट पर जो शख्स पंचतत्व में विलीन हो रहा था, उसकी शख्सियत का अंदाज़ा वहां मौजूद लोगों की आँखों में भर भर आ रहे आंसुओं से लगाया जा सकता था.
वे उनके चहेते नेता थे, जिन्हें उनके तेवरों ने जनता की नज़र में टाइगर बना दिया था. प्रदेश के मुखिया खुद वहां मौजूद थे और साथ थे वे लोग जो कभी टाइगर जगरनाथ महतो के राजनीतिक हमराह रहे तो कभी उनके मार्गदर्शक तो कभी उनके अनुयायी.

अलार्गो पहुंचे हेमंत अंतिम दर्शन को
CM हेमंत सोरेन और मंत्रिमंडल के कई सहयोगी अलार्गो पहुंचे. परिवार के लोगों से मिले. उन्हें ढांढस दिलाया. पूरा अलार्गो मानो अपने सपूत के अंतिम दर्शन को पहुँच चुका था. जगरनाथ महतो का पार्थिव शरीर अपने गांव पहुंचा. और फिर शुरू हुई अंतिम यात्रा.
भंडारीदह के दामोदर घाट के लिए. हजारों लोग अपने नेता की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए उमड़ पड़े थे. सभी आँखें नम थी.

शोक की लहर, राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि
6 अप्रैल को जैसे ही ये खबर आई कि झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो नहीं रहे, पूरे झारखण्ड में शोक की लहर छा गई. सहसा विश्वास नहीं हुआ. थोड़ी देर बाद CM हेमंत सोरेन का ट्वीट आ गया. राज्यपाल सी.पी.राधाकृष्णन सहित पक्ष विपक्ष के नेता सोशल मीडिया पर जगरनाथ महतो को श्रद्धांजलि देने लगे.
नम आँखों से सबने दी विदाई
रांची स्थित उनके आवास पर लोग पहुचने लगे. लोग भावुक हो रहे थे. इन सब के बीच लोगों को पता चला कि उनके नेता का पार्थिव शरीर 7 अप्रैल शुक्रवार को रांची पहुंचेगा और फिर यहीं से उनके पैतृक गांव अलार्गो जाएगा और फिर भंडारीदह में दोमोदर घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

7 अप्रैल को सुबह में रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर उनका पार्थिव शरीर पहुंचा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित कई बड़े नेता वहां मौजूद थे. मुख्यमंत्री भावुक थे.
उन्होंने कान्धा दिया. एयरपोर्ट से जगरनाथ महतो के पार्थिव शरीर को विधानसभा परिसर लाया गया. जहाँ मुख्यमंत्री सहित कई विधायक और सांसदों ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए.
गुरूजी ने दी श्रद्धांजलि
विधानसभा से उनका पार्थिव शरीर जेएमएम पार्टी कार्यालय लाया गया. गुरूजी शिबू सोरेन ने उनके अंतिम दर्शन किए और श्रद्धांजलि दी. एक गाड़ी में उनके पार्थिव शरीर को रखा गया और वहां से वो गाड़ी जगरनाथ दा के पैतृक गांव अलार्गो के लिए निकला.
रास्ते में लोग उनके अंतिम दर्शन को सड़कों पर आँखों में आंसू लिए खड़े थे. अपने प्रिय नेता को अंतिम बार देख लेने की आस में.
भंडारीदह के दामोदर घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ. सभी अपने नेता को आखरी प्रणाम कर रहे थे. उनके लिए लड़ने वाला टाइगर उनसे दूर चला गया. अनंत यात्रा पर. जगरनाथ महतो को न्यूज 22स्कोप की विनम्र श्रद्धांजलि.