पटना : बिहार में बढ़े आरक्षण को पटना हाईकोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दिया है। उसके बादे देश के सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसल को सही करार दिया है। अब बिहार के शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया कि प्रधानाध्यापक की नियुक्ति पुराने आरक्षण के प्रावधान पर ही होंगे, यानी 50 फीसदी आरक्षण पर ही होगी। इसको लेकर भाकपा माले के विधायक रामबली सिंह ने सीएम नीतीश कुमार और बिहार सरकार पर जमकर भड़ास निकाले हैं।
भाकपा माले के विधायक रामबली सिंह यादव ने कहा कि नीतीश कुमार की मनसा कभी नहीं थी कि बिहार में आरक्षण बढ़े बल्कि हम लोगों ने उनको आरक्षण बढ़ाने को कहा था। जब बिहार में महागठबंधन की सरकार थी तो 17 महीने के कार्यकाल में ही कहे थे कि आरक्षण को 9वीं अनुसूची में शामिल करवाया जाए लेकिन नीतीश कुमार ने नजरअंदाज किया। आगे उन्होंने कहा कि अब एनडीए की सरकार है। एनडीए और बीजेपी शुरू से आरक्षण के विरोध में रही है अब उन लोगों का मनसा सफल हो गया। हमने बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र के दरमियान भी सदन में सवाल उठाया था लेकिन नजरअंदाज की गई।
बांग्लादेश की घटना से पीएम मोदी को रहना चाहिए सचेत – अजीत सिंह
बांग्लादेश में जिस प्रकार हिन्दुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। इसको लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा था कि जैसा हाल बंग्लादेश में हुआ हैं वैसा हाल भारत का न हो। जिसको लेकर भाकपा माले विधायक अजीत सिंह ने कहा कि यह तो सही बात है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सचेत रहना चाहिए और इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए। क्योंकि देश की जिम्मेदारी सभी नागरिकों के पास है। लेकिन जब सत्ता तानाशाह हो जाती है तो जनता प्रोटेस्ट में तो जरूर जाएगी। आपने इससे पहले श्रीलंका का भी हाल देखा था, श्रीलंका में किस तरह वहां भी हुआ था। हम यह नहीं कहते हैं कि हमारे भारत में ऐसा हो लेकिन सरकार के जरूर सचेत होनी चाहिए। जो सरकार वादा करती है वह पूरा करें और जनता का अनदेखी न करें।
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विवेक रंजन की रिपोर्ट