Ranchi Vidhansabha : क्या इस बार भी बीजेपी का लहराएगा पताका या इंडी गठबंधन को मिलेगा जादू का सहारा…

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Ranchi : झारखंड में लोकसभा चुनाव खत्म होने के साथ ही आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर हलचलें तेज हो चुकी है। विधानसभा चुनाव की तैयारी में राज्य की तमाम पार्टियां लग चुकी है। इस बार के चुनाव में बीजेपी की सरकार बनती है या फिर इंडिया गठबंधन फिर से बाजी मारती है इसका फैसला हो जाएगा।

विधानसभा चुनाव के दौरान न्यूज 22 स्कोप ने एक खास प्रोग्राम शुरु किया है जिसमें राज्य के सभी विधासनसभा सीटों का विश्लेषण किया जाएगा। आज हमारे खास प्रोग्राम सीट स्कैनर में हम रांची विधानसभा सीट का अबतक क्या रहा है लेखा जोखा।

झारखंड प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ भरपूर खनिज संपदा के लिए भी जाना जाता है, पर राजनीतिक गतिविधियों के लहजे से देखे तो यहां की राजनीति में कम उलटफेर देखने को नहीं मिलते हैं। राज्य के अस्तित्व में आने के बाद अब तक विधानसभा के चार चुनाव हो चुके हैं। अब कुछ महीनों में ही आगामी विधानसभा का पांचवा चुनाव होने वाला है।

Ranchi Vidhansabha : 1990 से बीजेपी का रहा है दबदबा

अगर हम बात करें रांची विधानसभा सीट की तो रांची निर्वाचन क्षेत्र को समझना भी जरूरी हो जाता है। बता दें कि रांची विधानसभा सीट पर बीजेपी का ही सबसे ज्यादा दबदबा रहा है। साल 1990 से लेकर अबतक बीजेपी ने रांची सीट से 6 बार चुनाव जीत चुकी है।

अगर बात करें झारखंड अलग बनने के बाद यहां पर 4 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। नवंबर 2000 में पहला चुनाव हुआ था जिसमें बीजेपी के सीपी सिंह भारी मतों से विजयी हुए थे। उसके बाद झारखंड में हुए 4 विधानसभा चुनावो में सीपी सिंह ने लगातार 4 बार रांची से जीत हासिल की है। बीजेपी राज्य गठन से लगातार इस सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा है। इस सीट से BJP के सीपी सिंह लगातार 5 बार विधायक रहे हैं।

Ranchi Vidhansabha : अब थोड़ा पीछे चलते है

जब बिहार और झारखंड एक राज्य हुआ करता था, तबसे लेकर अब तक 11 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं, लेकिन बात 1995 के विस चुनाव की करें तो इस सीट पर बीजेपी से यशंवत सिन्हा ने चुनाव लड़ा था और वो रांची विधानसभा सीट से विधायक भी बने थे। साल 2000 से लेकर साल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी के मुकाबले की करें तो समय के साथ मुकाबलें का ट्रेंड चेंज होता दिखा है।

झारखंड राज्य गठन से पहले रांची विधानसभा सीट पर बीजेपी और RJD में मुकाबला देखने को मिलता था। साल 2000 में बीजेपी से सीपी सिंह का मुकाबला राजद के जय सिंह यादव और कांग्रेस की प्रतिभा पांडेय के साथ था। इस समय सीपी सिंह राजद के जय सिंह यादव से 56,445 मतो से जीत गये और रांची विधानसभा सीट से विधायक बने। समय का पहिया घूमा 2005  विधानसभा चुनाव 2005 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से बीजेपी ने सीपी सिंह पर दांव खेला। इस बार सीपी सिंह का मुकाबला कांग्रेस के गोपाल प्रसाद साहू और चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे राजद के कृष्ण यादव के साथ था, पर इस बार भी सीपी सिंह 74,239 मतों से कांग्रेस के गोपाल प्रसाद साहू से जीत गए।

सीपी सिंह के सामने सब फेल

साल 2009 के विधानसभा चुनाव में फिर से बीजेपी के प्रबल दावेदार सीपी सिंह का दोबारा सामना कांग्रेस से होता है। इस बार मुकाबला कांग्रेस के प्रदीप तुल्सयान मैदान में थे और फिर सीपी सिंह भारी मतों से शिकस्त देते हुए कांग्रेस के प्रदीप तुल्सयान को हार का सामना कराया। बार-बार जीत से आश्वस्त बीजेपी ने साल 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में एक फिर से सीपी सिंह की रांची सीट पर अच्छी पकड़ देखते हुए फिर से मैदान में उतारती है।

इस बार बीजेपी से सीपी सिंह के सामने चुनावी रण में कांग्रेस या राजद नहीं बल्कि झामूमो था। झामूमो ने रांची सीट से महुआ मांझी को चेहरा बनाया पर, यहां भी झामुमो को कांग्रेस और राजद की तरह सीपी सिंह के सामने हार का सामना करना पड़ा और सीपी सिंह लगातार चौथी बार रांची सीट जाते हैं। 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने आव देखा ना ताव अपने मजबूत प्रत्याशी सीपी सिंह को मैदान में फिर से उतार दिया। इस बार भी कांग्रेस नहीं बल्कि झामुमो से महुआ मांझी को दूसरी बार भी हराकर लगातार पांचवी बार रांची विधानसभा सीट के किंग बन जाते हैं।

देखते देखते बीजेपी के साथ मुकाबले में…राजद, कांग्रेस और फिर झामूमो

बहरहाल लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम पार्टीयां आगे की रणनीती बनाने में जुट गई है। लेकिन इस बार तस्वीर कुछ अलग होने वाली है। इस बार का मुकाबला देखना दिलचस्प होगा, क्योंकी इस बार के विधानसभा चुनाव में एनडीए बनाम इंडी गठबंधन होने वाला है। देखने वाली बात होगी कि भाजपा सीपी सिंह को भी मैदान में उतारती है या फिर नए चेहरो पर दांव खेलेगी। वहीं इंडी गठबंधन किसे अपना चेहरा बनाती है चुनाव में इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा।

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