बिहार के साढ़े 4 लाख नियोजित शिक्षकों के सपनों को लगी पाठक की नजर !

पटना : बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर किया है। केके पाठक ने टेट शिक्षक संघ बिहार पंचायती राज डायरेक्टर बीएससी अध्यक्ष बीएससी एग्जामिनेशन कंट्रोलर तथा तीन अन्य लोगों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर किया है। यह मामला नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने के खिलाफ बताया जा रहा है।

दरअसल, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक पटना से बाहर हैं और जानकारी थी कि विभागीय कार्यों से वह दिल्ली गए हैं। इसी बीच नियोजित शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार बनाम टीईटी शिक्षक संघ डायरी संख्या 39833/2023 मिला है। इसके साथ प्रदेश के लगभग 4.50 लाख नियोजित शिक्षकों की लंबे समय से मांग रही है कि उन्हें सरकार बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा दे। इसी बीच शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। पाठक ने 25 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी याचिका दायर की है।

बता दें कि एक तरफ सरकार की ओर से आश्वासन दिया जाता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दे सकते हैं और इसके लिए कैबिनेट में चर्चा भी की जाती है। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की केके पाठक से बातचीत होने के बाद भी पाठक ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर कर दी है। अब इसके पीछे की राजनीति क्या है।

एसके राजीव की रिपोर्ट

Share with family and friends: