रांची: हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री झारखंड, ने शिक्षा और साक्षरता विभाग की समीक्षा के दौरान महत्वपूर्ण एलान किया है। उनके अनुसार, झारखंड में अब से दिव्यांग बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय खोले जाएंगे।
इन विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों को पठन-पाठन के साथ-साथ खेल, संगीत, शारीरिक शिक्षा आदि की सुविधाएं भी मिलेंगी।
इसका प्रमुख उद्देश्य दिव्यांग बच्चों की प्रतिभा को समर्पित करके उनके विकास को सुनिश्चित करना है। साथ ही, मुख्यमंत्री ने राज्य भर में दिव्यांग बच्चों के नामांकन की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं।
वे जिलों में रीडिंग रूम की सुविधा को बढ़ावा देने के लिए निर्देश दिए हैं, जहां पठन-पाठन के लिए उचित माहौल उपलब्ध होगा और वाईफाई की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। ये सभी पहल झारखंड के बच्चों को बेहतर और गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से की जा रही हैं।
सरकारी विद्यालयों को मजबूत करने के लिए, प्राथमिक, माध्यमिक और प्लस टू विद्यालयों में खाली पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया को तेज करने का निर्देश दिया गया है। प्लस टू विद्यालयों में प्रधानाचार्य, शिक्षक और प्रयोगशाला सहायक के पदों की नियुक्ति के लिए जेएसएससी द्वारा अधिसूचना जारी की गई है।
माध्यमिक विद्यालयों, मॉडल स्कूलों और अन्य श्रेणी के स्कूलों में शिक्षक और प्रयोगशाला सहायक के पदों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी चल रही है। सहायक आचार्य के 26,000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि शिक्षा के संपूर्ण विकास के लिए, छात्रों को पठन-पाठन के साथ-साथ निरंतर खेल और संगीत जैसी गतिविधियों का आयोजन करना चाहिए। उन्होंने विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन करके बच्चों को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का मौका देने की भी सलाह दी है।