पंचतत्व में विलीन शरद यादव, बेटे और बेटी ने दी मुखाग्नि

होशंगाबाद : पंचतत्व- जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव का अंतिम संस्कार पैतृक गांव आंखमऊ में कर दिया गया. उनके बेटे शांतनु और बेटी शुभसनी ने मिलकर उन्हें मुखाग्नि दी. इस दौरान मध्य प्रदेश की पुलिस ने भी उन्हें सलामी देकर अलविदा कहा.

पंचतत्व: 12 जनवरी को हुआ था निधन

दरअसल, 12 जनवरी 2023 को 75 वर्ष की उम्र में शरद यादव का निधन हो गया था. कर्डियक अरेस्ट होने पर उन्हें इलाज के लिए गुरुग्राम के फोर्टिस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. उनका अंतिम संस्कार आज शनिवार को मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले (होशंगाबाद) में उनके पैतृक गांव आंखमऊ में हुआ.

सीएम शिवराज, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह रहे मौजूद

इससे पहले शरद यादव का पार्थिव शरीर चार्टर्ड विमान के जरिए भोपाल पहुंचा. यहां से पार्थिव शरीर को पैतृक गांव आंखमऊ सड़क मार्ग से लाया गया. आंखमऊ में अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को रखा गया था, जहां बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे. जब शरद यादव का पार्थिव शरीर भोपाल पहुंचा, तो इस दौरान सीएम शिवराज, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह एयरपोर्ट पर मौजूद रहे.

बेटी सुभाषिनी यादव ने किया था ट्वीट

बता दें कि शरद यादव की बेटी सुभाषिनी यादव ने ट्वीट किया था कि मेरे पिता स्व. शरद यादव के पार्थिव शरीर को दिल्ली से उनके पैतृक गांव आंखमाऊं, तहसील बाबई जिला होशंगाबाद में 14 जनवरी 2023 को दोपहर 1.30 बजे अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाएगा. हम अपने दिल्ली निवास से सुबह 8.45 बजे चार्टर्ड विमान से भोपाल के लिए रवाना होंगे.

पंचतत्व: छात्र नेता के रूप में शुरू की राजनीति करियर की शुरुआत

शरद यादव ने अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत एक छात्र नेता के तौर पर की. उन्होंने 1974 में मध्य प्रदेश के जबलपुर से लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार को हराकर जीत हासिल की थी. तब शरद को जय प्रकाश नारायण समेत विपक्षी दलों ने समर्थन दिया था. उसके बाद उन्होंने जबलपुर से दूसरी बार भी चुनाव जीता. शरद यादव की जीत ने उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में ला खड़ा किया.

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