मंजेश कुमार
पटना: अभी के समय में शादियों का समय चल रहा है और लगभग प्रत्येक आपको दिन कहीं न कहीं शहनाई की मधुर ध्वनि सुनाई दे ही देती होगी लेकिन अब 16 दिसंबर से शहनाई बजना बंद हो जाएगा। दरअसल 16 दिसंबर से खरमास शुरू हो जायेगा और हिंदू रीति रिवाज के अनुसार खरमास के महीने में किसी प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं किये जाते हैं। अगर हिंदू धर्म के जानकारों के अनुसार सूर्य के गुरु की राशि धनु में गोचर करने पर खरमास शुरू हो जाता है और फिर मकर राशि में प्रवेश करने पर खरमास खत्म हो जाता है।
खरमास 14 जनवरी दोपहर के बाद से समाप्त होगा। इस दौरान शादी विवाह समेत किसी भी प्रकार का मांगलिक कार्य लोग नहीं करेंगे। पंचांगों के अनुसार इस वर्ष 16 दिसंबर की सुबह 7:17 बजे सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर जायेगा और इसके बाद खरमास शुरू हो जायेगा। अगले वर्ष 14 जनवरी की दोपहर 2:55 बजे सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होगा और इसके साथ ही खरमास समाप्त हो जायेगा। खरमास समाप्त होने के बाद एक बार फिर से मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जायेगा और लोग अपने घरों में हर तरह के मांगलिक कार्य कर सकेंगे।
खरमास के समय में लोग विवाह, नए घर में प्रवेश, नया वाहन की खरीद, संपत्ति खरीद बिक्री, मुंडन इत्यादि नहीं करते हैं। कहा जाता है कि खरमास के दौरान भगवान नारायण की पूजा विशेष फलदायी होती है और इस दौरान विष्णु सहस्त्रनाम, पुरुष सूक्त, सत्यनारायण पूजा, भागवत पाठ, आदित्य हृदयस्त्र्तोत्र, भास्कर को अर्घ्य, गरीब, असहाय को अन्न, वस्त्र का दान, गौ सेवा, बूढ़े बुजुर्गों की सेवा इत्यादि करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
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