भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर गावस्कर ट्राफी के लिए पहला टेस्ट मैच 9 फरवरी से खेला जाएगा.
नागपुर में वीसीए क्रिकेट स्टेडियम में खेले जाने वाले पहले टेस्ट मैच के लिए दोनों टीमों ने कमर कस ली है.
पिच का दीदार होने के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है कि इस पिच पर किस टीम का पलड़ा भारी रहेगा ? भारत या ऑस्ट्रेलिया?

दोनों टीम चोटिल खिलाडियों की समस्या से परेशान
पहले टेस्ट से पहले दोनों टीमों की अपनी चिंताएं हैं. सबसे बड़ी चिंता तो ये है कि दोनों ही टीमों के कुछ प्रमुख खिलाडी इस महत्वपूर्ण टेस्ट से बाहर हैं.
अपने प्रेस कांफ्रेंस में भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने ऋषभ पंत को मिस करने कई बात कही तो श्रेयस अय्यर भी पीठ कई समस्या के कारण पहले टेस्ट से बाहर हैं.
दूसरी ओर ऑस्ट्रलियाई टीम के मिचेल स्टार्क और जोश हेजलवूड भी पहले टेस्ट में खेलते नहीं दिखेंगे. ग्रीन के खेलने पर भी संशय बना हुआ है.

जो स्पिन बेहतर खेलेगा उसकी स्थिति बेहतर
असल में पहले टेस्ट में वो टीम बेहतर स्थिति में होगी जो स्पिन को बेहतर तरीके से खेलेगी. और सीरीज से पहले दोनों टीमों ने इसी को लेकर फोकस भी किया है.
ऑस्ट्रलियाई टीम 4 स्पिनर्स के साथ भारत आई है. इसके माध्यम से कंगारू टीम ये सन्देश देना चाहती है कि अगर आप स्पिन पिच बनायेंगे तो हम भी तैयार हैं. इसे पढ़े : ‘तेजस्वी’ डील की काट, अति पिछड़ा–दलित कार्ड !
स्पिन गेंदों पर बैटिंग प्रैक्टिस के लिए उन्होंने भारत के ही दो स्पिनर्स आबिद मुश्ताक और अश्विन के एक्शन में गेंदबाज़ी करने वाले महेश पीठिया को अपने नेट्स पर बुलाया.
नागपुर में अश्विन का रिकॉर्ड शानदार
पर ये भी सच है कि अश्विन की तरह गेंदबाज़ी करने वाले को खेलना और अश्विन को खेलना दो अलग चीज़ है.
उस पर नागपुर में अश्विन का रिकॉर्ड. यहां उन्होंने 3 टेस्टों में 23 विकेट लिए हैं. उनके साथ जडेजा भी रहेंगे जिन्होंने नागपुर में 3 टेस्ट में 12 विकेट लिए हैं. इसे पढ़े : PM मोदी ने सदन में बताई सरकार की ताकत क्या है

इसके अलावा भारतीय बल्लेबाज स्पिन को ऑस्ट्रेलिया से बेहतर खेलेंगे, ऐसी उम्मीद है. इसे पढ़े : संजय सेठ ने गो-तस्करी रोकने के लिए कानून बनाने की मांग की
ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के लिए नागपुर टेस्ट एक कठिन परीक्षा है जिसमे सफल होना उसके लिए आसन नहीं. इसे पढ़े : कल्याणपुर मोहल्ले के सैकड़ों घरों में घुसा नाले का गंदा पानी
इस टेस्ट में खेल शुरू होने से पहले भारत का पलड़ा भारी दिख रहा है. इसे पढ़े : मोदी ने कांग्रेस को धोया, 2004-14 को बताया डेड डिकेड