Mumbai- एक्टिंग के ‘शहंशाह’, बॉलीवुड के ‘सरकार’, एंग्री यंग मैन, बॉक्स ऑफिस के ‘जादूगर’ बिग बी अमिताभ बच्चन का आज जन्म दिन है। उन्हें जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं।
Highlights

सदी के महानायक का बॉलीवुड से 5 दशक से भी ज़्यादा का ‘दोस्ताना’ है। 1969 से शुरू हुई उनकी कामयाबी का ‘सिलसिला’ आज भी जारी है। हालांकि कामयाबी का अमिताभ बच्चन का सफ़र आसान नहीं था, कोई ‘अलादीन’ का चिराग भी उनके पास नहीं था। रास्ते मे ‘कांटे’ भी नहीं थे कम, चुनौतियों का ‘अग्निपथ’ था पर उनकी ‘आंखें’ अपने लक्ष्य पर टिकी थी। ‘कभी खुशी कभी ग़म’ पर ‘ख़ुदा गवाह’ है ख़ुद पर था ‘ऐतबार’ कि सफल होंगे ‘हम’।
जिनकी एक्टिंग देखकर आज लोग ‘निःशब्द’ हो जाते हैं उन्हें एक वक्त लोग ‘रास्ते का पत्थर’ समझते थे। उनकी पतली और लंबी टांगों का मज़ाक बनता था।
सफर आसान कहां था बॉलीवुड के ‘सरकार’ की
इसी बीच एक फ़िल्म निर्माता ने उन्हें हीरो लेकर मिर्ज़ा ग़ालिब पर फ़िल्म का एलान किया। दिल्ली में बच्चन परिवार के घर ही फ़िल्म का मुहूर्त भी हुआ। पर बाद में उस निर्माता ने अमिताभ से कोई संपर्क ही नही किया और अशोक कुमार को लेकर फ़िल्म बना ली।
जब अमिताभ के सीन कटने के बाद भी वो दुखी नहीं थे
वो संघर्ष के दिन थे। इस्माइल मर्चेंट ने अमिताभ बच्चन, महमूद के छोटे भाई अनवर अली और जलाल आगा को फ़िल्म में छोटे पार्ट के लिए बुलाया और कहा इस काम के एवज में उन्हें 500 रुपये मिलेंगें।
तीनों तैयार हो गए। सीन शूट हुआ पर बाद में इन्हें कहा गया कि आपके सीन की ज़रूरत फ़िल्म में नहीं है। इसलिए इसे हम फ़िल्म में नहीं रखेंगे। लेकिन अमिताभ को निर्माता की ये बातें बुरी नहीं लगी। इसलिए बुरी नहीं लगी क्योंकि उन्हे इसका मेहनताना मिल चुका था और उस वक़्त उन्हे पैसे की सख्त दरकार थी।
जब शशि कपूर ने अमिताभ के सीन फ़िल्म से निकलवा दिए
इस घटना के कुछ दिनों बाद एक बार फिर से अमिताभ को एक सीन मे एक्स्ट्रा के काम के लिए बुलाया गया। इस सीन में अंत्येष्टि में दुख जताने वाले लोगों की भीड़ में उन्हें खड़ा होना था। इसी बीच सेट पर शशि कपूर जो अमिताभ को पहले से जानते थे, वो आ गए।
जूनियर आर्टिस्ट की भीड़ में अमिताभ बच्चन को खड़े देखकर वो उनके पास आए
और कहा तुम इन छोटे कामों के लिए नहीं बने हो।
तुम इनसे कहीं बेहतर चीजों के लिए बने हो।
और ये कह कर उन्होंने निर्देशक को कहा कि अमिताभ के सारे पोर्शन फ़िल्म से हटा दिये जाएं।
उन्ही शशि कपूर के साथ बाद में अमिताभ बच्चन ने कई फिल्में की.
शशि ने की बॉलीवुड के ‘सरकार’ की पहचान
कहते हैं हीरे की असली परख जोहरी को होती है। शशि वही जोहरी थे
जिन्होंने हीरा अमिताभ को पहचान लिया था।
कुछ समय बाद फिल्म ‘दीवार’ में शशि कपूर के साथ अमिताभ बच्चन लीड रोल में थे।
फिल्म का प्रीमियर था। प्रीमियर में शशि कपूर अमिताभ के साथ ही बैठे थें।
दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं थी।
लेकिन जब पुल के नीचे वाला सीन शुरू हुआ जहां कि वह प्रसिद्ध डायलॉग था
कि ‘मेरे पास मां है’, यह डायलॉग कम्पलिट होते ही अमिताभ ने महसूस किया
कि उनके हाथों पर किसी का हाथ है।
जब शशि कपूर ने पकड़ा था अमिताभ का हाथ
हाथ किसी और का नहीं शशि कपूर का था। शशि ने कुछ कहा नहीं लेकिन जिस तरह से उन्होंने अमिताभ के हाथों को पकड़ा था वह सब कुछ कह रहा था। यह अमिताभ के प्रति शशि कपूर के विश्वास की जीत थी। उनका प्यार था, उनकी प्रशंसा थी। यह वह सब कुछ था जो एक स्ट्रगलिंग एक्टर के सपने होते हैं। जिसे उस भले व्यक्ति के साथ उसकी फिल्म में एक एक्स्ट्रा का काम मिला था, वह आज उनके साथ बैठा था। यह किसी सपने के सच होने जैसा ही तो था। दीवार के बाद तो अमिताभ बच्चन और शशि कपूर ने साथ में कई फिल्में की। दोनों का रिश्ता हमेशा ख़ास रहा।
बस एक ही दुआ ‘102 नॉट आउट’ रहें
ज़ंजीर, दीवार जैसी फिल्मों के बाद अमिताभ, ‘The Amitabh Bachhan’ हो गए।
फ़िल्म के हिट होने के लिए उनका नाम ही काफी था।
आज भी उनके अभिनय को देख क्रिटक्स निःशब्द हो जाते हैं।
उम्र के साथ सम्मान, प्रतिष्ठा और सफलताएं भी बढ़ रही हैं।
किसी भी नए कलाकार से ज़्यादा अमित जी मे ऊर्जा दिखती हैं।
उम्र के इस पड़ाव पर भी उनके लिए फिल्में लिखी जा रही हैं।
इसलिए उनकी उम्र के बारे मे कोई बात नहीं। वैसे भी वो कह चुके ‘बूढ़ा होगा तेरा बाप’।
उपर वाले से यही दुआ है कि अमित जी ‘102 नॉट आउट’ रहें। कभी अलविदा ना कहना।
आपके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना हर कोई करता है।
Happy birthday Amitabh Bachhan