रांची: साइबर अपराध का जाल दिन-ब-दिन गहराता जा रहा है और लोग अब भी इस चक्रव्यूह में फंस रहे हैं। तकनीक का दुरुपयोग कर अपराधी लगातार भोले-भाले लोगों को निशाना बना रहे हैं। केंद्र सरकार, झारखंड पुलिस और समाचार माध्यमों द्वारा जागरूकता फैलाने के बावजूद लोग लालच के झांसे में आकर अपनी जीवनभर की कमाई गंवा रहे हैं।
केंद्र सरकार ने मोबाइल कॉलर ट्यून के जरिए एक चेतावनी जारी की है, जिसमें बताया गया है कि हर दिन देश में औसतन 6,000 लोग साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं। इसके बावजूद गाड़ी-टीवी जीतने, ट्रेडिंग में भारी मुनाफा और घर बैठे पैसे कमाने जैसे झूठे वादों का असर कम नहीं हो रहा।
ट्रेडिंग ऐप के नाम पर लाखों की ठगी
रांची के अपर हटिया निवासी हिमांशु कुमार शर्मा, उनके मित्र आशुतोष कुमार और तुपुदाना निवासी अमृताश कुमार ने ‘टीए फंड’ नामक एक ट्रेडिंग ऐप के जरिये अधिक मुनाफा कमाने की उम्मीद में 4.20 लाख रुपये निवेश कर दिये। प्रारंभिक जानकारी और ऐप की प्रस्तुति देखकर तीनों को भरोसा हो गया, लेकिन बाद में उन्हें ठगी का अहसास हुआ।
लॉटरी में गाड़ी और टीवी का झांसा
लापुंग के दानकेरा गांव की एक महिला को फोन कर बताया गया कि उसकी लॉटरी में कार और टीवी निकला है। फिर कार के कागजात और जीएसटी शुल्क के नाम पर 51 हजार रुपये और अन्य शुल्कों के नाम पर कुल 99,900 रुपये की ठगी कर ली गई। महिला ने साइबर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है।
घर बैठे कमाई का लालच, 3.46 लाख गंवाये
डोरंडा के जैप-वन निवासी गोविंदा पांडे को ‘घर बैठे कमाई’ का ऑफर देकर पहले कुछ पैसे उनके खाते में भेजे गये। इससे वे लालच में आ गये। फिर उन्हें एक टेलीग्राम लिंक भेजा गया और अलग-अलग बहानों से धीरे-धीरे उनसे कुल 3.46 लाख रुपये ठग लिए गये।
इसी तरह खलारी के आदित्य कुमार चौबे भी साइबर जाल में फंसे और चार लाख रुपये से अधिक गंवा बैठे।
जागरूकता अभियान के बावजूद लापरवाही
सरकार और पुलिस के जागरूकता अभियानों के बावजूद आम लोग लालच और बिना जांच-पड़ताल के कदम उठाकर खुद को खतरे में डाल रहे हैं। साइबर सेल ने पुनः अपील की है कि किसी भी अनजान कॉल, मैसेज या लिंक पर विश्वास न करें। कोई भी स्कीम अगर बहुत अधिक लाभ का वादा कर रही हो, तो पहले उसकी सच्चाई जांचें।