Thursday, July 10, 2025

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मोहर्रम का जुलूस निकला अकीदत और सौहार्द के साथ, या अली-या हुसैन के नारों से गूंजा शहर

Jharia: हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में झरिया शहर में मोहर्रम का पर्व सादगी, अकीदत और शांति के माहौल में मनाया गया। इस मौके पर पारंपरिक रूप से आकर्षक ताजिया और अखाड़ा जुलूस निकाला गया, जिसमें हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया।

पूरे जुलूस के दौरान “या अली” और “या हुसैन” के नारों से शहर गूंज उठा। युवाओं ने पारंपरिक हथियारों — तलवार और लाठी के साथ हैरतअंगेज करतब दिखाए, जिससे दर्शक रोमांचित हो उठे। ताजिया जुलूस के साथ चल रहे अखाड़े ने शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर रुककर पारंपरिक खेलों का प्रदर्शन किया। अखाड़े में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोगों ने एक साथ शस्त्र प्रदर्शन कर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की।

मोहर्रम का जुलूस निकला अकीदत और सौहार्द के साथ :

इमामबाड़ों में परिक्रमा और मसीहा पढ़ने का आयोजन भी हुआ, जिसमें पैकरों ने हसन-हुसैन की शहादत को याद किया। सुबह से ही इमामबाड़ों में फातिहा ख्वानी के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी और यह क्रम देर रात तक जारी रहा।

झरिया ऊपर कुल्ही स्थित मिल्लते इंतेजामिया कमेटी और झरिया थाना शांति समिति की ओर से 25 अखाड़ों के उस्तादों को पगड़ी पहनाकर और तलवार भेंटकर सम्मानित किया गया।

विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सिटी एसपी ऋतिक श्रीवास्तव, सिंदरी डीएसपी आशुतोष कुमार सत्यम, झरिया सीओ मनोज कुमार और इंस्पेक्टर शशि रंजन कुमार दलबल के साथ पूरे जुलूस के दौरान सक्रिय रहे।

रिपोर्टः मनोज शर्मा